सावधान, रोजाना बुखार रहने से हो सकता है मलेरिया

punjabkesari.in Monday, Oct 08, 2018 - 09:03 PM (IST)

बठिंडा(सुखविंद्र): मलेरिया ठंड व सिरदर्द के साथ बार-बार बुखार होने वाला एक रोग है। बुखार की शुरूआत होने के बाद कभी बुखार उतरता व कभी फिर चढ़ता है तो वह मलेरिया हो सकता है। अगर मलेरिया का इलाज समय पर न किया जाए तो मलेरिया एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। यह घातक रोग भी हो सकता है। कई गंभीर मामलों में यह कोमा या मौत का कारण भी बन सकता है। 

पर्यावरण के बदलने, प्रदूषण बढ़ रहे मच्छर कारण मलेरिया का प्रकोप दिनों-दिन बढ़ रहा है। हर रोज मलेरिया के सैंकड़ों केस सामने आ रहे हैं। देखने में छोटी सी दिखाई देने वाली बीमारियां समय पर इलाज न होने पर गंभीर रूप धारन कर सकती है और कई गंभीर बीमारियों को भी जन्म देती है। मलेरिया प्लासमोडीयम के तौर पर जाने जाते परजीवी के कारण होता है। मलेरिया मादा मच्छर एनोफलीज के काटने से शुरू होता है जो पैरासाइट है। 

क्या है मलेरिया
मलेरिया आम तौर पर पैरासाईट, मादा ऐनोफलीज मच्छर के काटने कारण फैलता है जिसको रात समय काटने वाले मच्छर के नाम से जाना जाता है। यह आम तौर पर सुबह से सायं के बीच में काटता है। अगर कोई मच्छर मलेरिया वाले व्यक्ति को काटता है तो यह अन्य को भी संकृमित कर सकता है और पैरासाईट को अन्य तक फैला सकता है। मनुष्य की छोटी-छोटी नसो में (संचार सिस्टम) प्रसारित होता है। परजीवी खून में होता हुआ जिगर सैल में पहुंचकर प्रोड व पुन: गठित होता है। खून के प्रवाह व खून सैल पर हमला करने से पहले लाग जिगर में विकसित होता है। बुखार के साथ सर्दी व पसीना आता है। लाग मच्छर द्वारा काटे जाने के 10 से 14 दिन की प्रफूलित मियाद के बाद मनुष्य में यह बीमारी विकसित होती है जिसको मलेरिया कहते है। 

क्या है मलेरिया के लक्ष्ण
बार-बार बुखार होना, सिर दर्द, उल्टी व अन्य फ्लू जैसे लक्ष्ण दिखाई देते है, चार से 8 घंटे चक्कर में बुखार होना, थकावट होना, सास लेने में तकलीफ, फेफड़ों में तर्ल निकलना, जिगर फेल होना व पीलिया चमड़ी का पीलापन व आंखों का सफेद होना, सदमा या दौरा, पिशाब में खून आना, असधारन रूप खून का शूगर कम होना, गुर्दे फेल होना, सोज व तिली टूट जाना, शरीर में पानी की कमी होना मलेरिया के लक्ष्ण है। 

कैसे करे मलेरिए की रोकथाम
* खाली बर्तनों में पड़े पानी को ढक्ककर रखे
* टायर, बर्तन, कूलर व तलाब में पानी को स्टोर न करे
* अपने आस पास व घरों की सफाई रखे
* सजावटी कुंड, झरने व अन्य स्थानों में लारैरियास, गैम्बूसिया या गुप्पी जैसी मछली का प्रयोग करे।
* सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे
* मच्छर भगाने वाली क्रीम, तर्ल पदार्थ, कुंडलदार व मैट का प्रयोग करे
* इनडोर कीटनाशक स्प्रे का इस्तेमाल करे 
* दिन समय ऐयरोसोल स्प्रे का प्रयोग करे
* मैलाथियान दौरान फॉगिंग

‘‘किसी व्यक्ति को लगातार बुखार होता है तो यह मलेरिए के ही लक्ष्ण हो सकते है। जून जुलाई के महीने में इसका हमला अधिक पाया जा जाता है परन्तु इसके अलावा किसी समय भी व्यक्ति को मलेरिया हो सकता है। अगर समय पर इलाज करवाया जाए तो इसका इलाज संभव है परन्तु इलाज न करवाने पर मलेरिए की बीमारी खतरनाक रूप धारन कर लेती है और कई तरह की बीमारियों को जन्म देती है जो व्यक्ति की मौत का कारण भी बन सकती है।’’ -डा. राजपाल सिविल अस्पताल 
 

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