मामला दीपक शुक्ला की मौत का, अतिरिक्त चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने जारी किए आदेश
punjabkesari.in Sunday, Feb 06, 2022 - 05:30 PM (IST)
लुधियाना (मेहरा): कथित तौर पर पुलिस थाने में की गई मारपीट के बाद जेल में दम तोड़ने वाले दीपक शुक्ला मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी रिचा रानी सहित तीन पुलिस अधिकारियों के गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए गए है। इलाका मेजिस्ट्रेट दविंदर सिंह की अदालत ने पुलिस की ओर से मामला खारिज करने की लगाई गई अर्जी में बहस के बाद गैर-इरादतन हत्या के आरोपो पर उक्त आदेश जारी किए हैं। इससे पहले रिचा रानी की तरफ से लगाई गई रिवीजन पटीशन को तत्कालीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल की अदालत ने खारिज कर दिया है जिससे रिचा रानी की पुलिस मामले से बचने के लिए किए जा रहे प्रयासों को झटका लगा था।
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क्या है मामला
चोरी के आरोप में पुलिस द्वारा गिरफ्तार मृतक दीपक शुक्ला का अदालत द्वारा ज्यूडीशियल रिमांड दिया गया था लेकिन बावजूद इसके पुलिस द्वारा आरोपी को जेल में न पहुंचाकर थाने में रखा गया था और उसे अगले दिन जेल प्रशासन को सौंपा गया था, बाद में दीपक शुक्ला की जेल में ही मृत्यु हो गई थी। दीपक शुक्ला के परिजनों ने आरोप लगाया था कि रिचा रानी व अन्य पुलिस अधिकारियों ने उनके पुत्र दीपक शुक्ला को थाने में रखकर थर्ड डिग्री टॉर्चर करते हुए उसके साथ मारपीट की जिसके कारण ही जेल में उसकी मृत्यु हो गई थी।
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स्थानीय अतिरिक्त चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने 6 मार्च 2020 को आरोपी के पिता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर लुधियाना को रिचा रानी व अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किए जाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद पुलिस कमिश्नर द्वारा कोई मामला दर्ज न किए जाने के चलते पीड़ित परिवार द्वारा पुनः अदालत का दरवाजा खटखटाया गया था, जिस पर अदालत ने पुलिस कमिश्नर को वॉर्निंग दी थी। तदोपरांत रिचा रानी द्वारा अतिरिक्त चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट द्वारा मामला दर्ज किये जाने के दिए गए आदेशों को स्थानीय सेशन कोर्ट में चुनौती दे दी गई जिस पर सेशन कोर्ट द्वारा उपरोक्त मामला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल की अदालत में भेजा गया था।न्यायाधीश अरुण कुमार अग्रवाल ने 25 जून को अतिरिक्त चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की तरफ से 6 मार्च को मामला दर्ज किए जाने के आदेशों के विरुद्ध पर अंतरिम स्थगना आदेश जारी कर दिया था।
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उल्लेखनीय है कि इस मामले का संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट की अदालत ने 6 मार्च को पुलिस कमिश्नर को जारी एक आदेश में रिचा रानी व अन्य पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किए जाने के आदेश दिए थे लेकिन मामला दर्ज न किए जाने के चलते अदालत ने पुलिस कमिश्नर को लिखे एक अन्य पत्र में पुलिस कमिश्नर के रवैये को लेकर सख्त टिप्पणी भी की थी और कहा था कि जानबूझकर अदालत के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। अदालत की तरफ से सुनाए फैसले से रिचा रानी को एक बड़ा झटका लगा है। अदालत ने 22 फरवरी के लिए रिचा रानी, चरणजीत सिंह व जसकरण सिंह के गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं।
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