ड्रग केस से जुड़ी बड़ी खबर, गृह विभाग ने DGP को दोबारा जारी किए आदेश

punjabkesari.in Tuesday, May 09, 2023 - 12:16 PM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब सरकार नशे के धंधे में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे पंजाब पुलिस के ए.आई.जी. राजजीत सिंह हुंदल और बर्खास्त इंस्पैक्टर (ओ.आर.पी. रैंक) इंद्रजीत सिंह के मामले में डी.जी.पी. द्वारा भेजी गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। पुलिस और नशा तस्करों के बीच बने इस ‘कमाई वाले’ गठजोड़ संबंधी कार्यालय द्वारा सरकार को पिछले दिनों भेजी गई रिपोर्ट को नाकाफी बताते हुए डी.जी.पी. को दोबारा सूचना भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि मामले के संबंध में मांगी गई केस फाइलें भी भेजी जाएं ताकि सरकार विस्तृत सूचना के पुख्ता होने की पुष्टि भी कर सके।

स्पष्ट करें, किसने दिए थे तरनतारन ट्रांसफर करने के आदेश

मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर राज्य सरकार के गृह विभाग ने डी.जी.पी. को यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि लोकल रैंक इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह को 2013 के दौरान तरनतारन ट्रांसफर किया गया था। इस संबंध में 31 मई 2013 को ऑर्डर जारी किए गए थे, उस ऑर्डर के बारे में पूरी जानकारी दी जाए कि वह ट्रांसफर ऑर्डर किस अधिकारी द्वारा जारी किए गए थे। इसका पूरा ब्यौरा दिया जाए कि क्या यह ट्रांसफर आग्रह के आधार पर किया गया था या फिर किसी रिकमैंडेशन पर। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि ट्रांसफर ऑर्डर जुबानी आदेश पर जारी किए गए या फिर लिखित निर्देश पर।

2014 में कैसे मिली एक साथ डबल प्रोमोशन

डी.जी.पी. पंजाब को यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि 12 अगस्त 2014 को इंस्पैक्टर (ओ.आर.पी.) इंद्रजीत सिंह को होशियारपुर जिले में ट्रांसफर किया गया। साथ ही उसे डबल प्रोमोशन देते हुए इंस्पैक्टर (ओ.आर.पी.) रैंक दिया गया। राज्य सरकार द्वारा डी.जी.पी. को इस पूरे मामले की रिपोर्ट और साथ ही पूरी केस फाइल (पूरा रिकॉर्ड) भेजने को कहा गया है ताकि स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो सके।

20 अप्रैल को डी.जी.पी. ने भेजी थी रिपोर्ट

डी.जी.पी. पंजाब द्वारा इस मामले में बीते माह 20 अप्रैल को एक पन्ने की रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसमें कहा गया था कि ड्रग्स मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से एस.आई.टी. की रिपोर्टें मिलने के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर नौकरी से बर्खास्त किए गए पूर्व एस.एस.पी. राजजीत सिंह हुंदल के अलावा और किसी भी अधिकारी ने बर्खास्त इंस्पैक्टर (असल में कांस्टेबल) इंद्रजीत सिंह की पोस्टिंग अपने साथ करने की मांग नहीं की थी। इंद्रजीत सिंह की आऊट ऑफ टर्न डबल प्रोमोशन भी राजजीत सिहं हुंदल के कहने पर ही हुई थी।

रिपोर्ट: हुंदल ने ही बार-बार आग्रह किया

रिपोर्ट में कहा गया था कि रिकॉर्ड की जांच के बाद पता चला कि इंद्रजीत सिंह को विभिन्न जिलों में अपने अधीन तैनात करने के लिए बर्खास्त किए गए ए.आई.जी. राजजीत सिंह हुंदल द्वारा ही आग्रह किया जाता रहा था। मूल रूप से पुलिस कांस्टेबल इंद्रजीत सिंह को डबल प्रोमोशन देने का आग्रह भी ड्रग्स मामले में फरार चल रहे ए.आई.जी. राजजीत सिंह ने ही किया था, जिस पर पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी द्वारा 9 जून 2014 को अपनी सहमति दे दी थी। 

इसलिए लिखा गया पत्र

12 अगस्त 2014 को राजजीत सिंह के ही आग्रह पर तत्कालीन डी.जी.पी. सुमेध सिंह सैनी द्वारा इंद्रजीत सिंह को राजजीत सिंह के अधीन होशियारपुर में ट्रांसफर किया गया था लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय इस जवाब को अधूरा मान रहा है। इसलिए अब फिर से डी.जी.पी. कार्यालय को पत्र भेजकर कहा गया है कि सिर्फ राजजीत सिंह द्वारा आग्रह करने की सूचना नहीं, बल्कि हर उस अधिकारी का नाम स्पष्ट किया जाए जिसने इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह की ट्रांसफर के लिए सिफारिश या आदेश किए थे। ध्यान रहे कि नशा तस्करी में पुलिसकर्मियों के भी शामिल होने के आरोपों संबधी पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा एस.आई.टी. गठित की गई थी। 

पूर्व डी.जी.पी. सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, स्पैशल डी.जी.पी. प्रबोध कुमार व पूर्व आई.जी. कुंवर विजय प्रताप पर आधारित तीन सदस्यीय एस.आई.टी. द्वारा तथ्यों की जांच के बाद सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी गई थी। कई वर्ष तक सीलबंद रहने के बाद हाल ही में उक्त रिपोर्ट को खोला गया था और पंजाब सरकार को रिपोर्ट मिलने के बाद उस पर तुरंत एक्शन शुरू हुआ और मुख्यमंत्री भगवंत मान की सहमति व निर्देश मिलने के बाद ए.आई.जी. राजजीत सिंह हुंदल को नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया था। तभी से राजजीत सिंह रूहपोश है।

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News Editor

Urmila