सेवामुक्ति उम्र सीमा कम करने के मामले में CAT ने सुरक्षित रखा फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Sep 30, 2020 - 02:45 PM (IST)

चंडीगढ़ (सन्दीप): चंडीगढ़ में भी पंजाब की तर्ज़ पर मुलाजिमों की सेवामुक्ति उम्र हद घटा कर 58 साल किए जाने का विरोध करते हुए 2 कॉलेजों के कुछ अध्यापकों ने कैट में चुनौती दी थी। पैटीशन पर बचाव पक्ष की तरफ से मंगलवार को जवाब दर्ज करने के बाद दोनों पक्षों में बहस हुई। दलीलों को सुनने के बाद कैट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया है और अब मामले में कैट कभी भी अपना फ़ैसला सुना सकता है, वही सेवामुक्ति की उम्र हद 58 साल तय करने के निर्देश पर फ़िलहाल स्टे लाने की पैटीशन को कैट ने पहले ही खारिज कर दिया था।

पी. यू. केंद्र के अधीन नहीं: बचाव पक्ष
बचाव पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील के. के. ठाकुर ने पैटीशनरों की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि पहले जब पंजाब ने उम्र हद 58 से बढ़ा कर 60 की थी, तब भी यू. टी. ने पंजाब नियमों को अपना कर अपने यहाँ लागू किया था। अब जब पंजाब ने उम्र सीमा कम की है तो वह भी उन्होंने अपनाई है। ए. आई. सी. टी. ई. के नियमों के अंतर्गत उन को लाभ मिलता है, जो आदारा केंद्र सरकार अधीन हो परन्तु पी. यू. केंद्र अधीन नहीं है इस लिए नियमों मुताबिक यहाँ पंजाब के नियम लागू किया जा सकते हैं।

7 विभागों के खिलाफ दर्ज किया है केस
कैट में पटीशन दर्ज करते हुए सैक्टर -10 स्थित सरकारी कालेज आफ आर्टस और सैक्टर -12 स्थित चण्डीगढ़ कालेज आफ आर्किटेक्चर के 8अध्यापकों ने चण्डीगढ़ प्रशासन, टैकनिकल एजुकेशन डिपार्टमैंट, ए. आई. सी. टी. ई. समेत कुल सात महकमों ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है। पटीशनरें की तरफ से पेश हुए वकील अर्जुन प्रताप राम ने बताया कि चण्डीगढ़ एक यू. टी. है और यहाँ के सभी कालेज भी केंद्र सरकार अधीन हैं। इन कालेजों को केंद्र सरकार की तरफ से फंडिंग भी होती है। 

केंद्र ने नियमों में बदलाव किया था कि टैकनिकल कालेजों में काम करन वाले कर्मचारियों की सेवामुक्ति की उम्र हद ए. आई. सी. टी. ई. के नियमों मुताबिक होगी, जिस में 65 साल की व्यवस्था है परन्तु पंजाब सरकार ने बीते दिनों अपने कर्मचारियों की सेवामुक्ति की उम्र हद 58 साल कर दी थी, जिस के बाद चंडीगढ़ ने भी अपने यहाँ यह नियम लागू कर दिया। 

Tania pathak