CBI ने पिछले 3 वर्षों में बेअदबी मामलों को लेकर कोई ठोस कार्य किया ही नहीं: अमरेन्द्र

punjabkesari.in Saturday, Sep 08, 2018 - 05:42 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि पंजाब में पिछले समय में धार्मिक ग्रंथों की हुई बेअदबी तथा बहबलकलां व अन्य स्थानों में पुलिस फायरिंग की जांच को लेकर केन्द्रीय जांच एजैंसी सी.बी.आई. ने पिछले तीन सालों में कोई ठोस कदम उठाया ही नहीं था, जिस कारण पंजाब सरकार ने सी.बी.आई. से केस वापस लेने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा गठित की जा रही विशेष जांच टीम (एस.आई.टी.) द्वारा समयबद्ध जांच करके अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी ताकि सभी अभियुक्तों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा सके। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों की हुई बेअदबी की घटनाओं को लेकर सी.बी.आई. पिछले तीन वर्षों में जांच की रफ्तार को आगे बढ़ा ही नहीं सकी, जिस कारण आम प्रभाव यह पाया जा रहा था कि धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी व बहबलकलां पुलिस फायरिंग के मामले में दोषियों को जल्द सजा नहीं मिल सकेगी। इसलिए उनकी सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित करवाया कि सी.बी.आई. से जांच का कार्य वापस लेकर एस.आई.टी. के हवाले कर दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मामलों में दोषी चाहे कितनी भी पहुंच वाला क्यों न हो, अगर एस.आई.टी. की जांच के दौरान उसका नाम सामने आता है तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। उनकी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले वायदा किया था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, जिस पर सरकार ने दृढ़ता के साथ अमल शुरू कर दिया है। दूसरी ओर पता चला है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने गठित की जाने वाली एस.आई.टी. को लेकर आला पुलिस अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही एस.आई.टी. का गठन भी कर सकती है।

सरकार एस.आई.टी. के बनाए जाने वाले प्रमुख को लेकर चर्चा कर रही है कि आखिर किस आला पुलिस अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाए। मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा के साथ भी लंबी बातचीत की है। सरकार का मानना है कि जैसे ही सी.बी.आई. से केस वापस आएगा, वैसे ही एस.आई.टी. का गठन कर दिया जाए। सरकार उससे पहले अपने स्तर पर एस.आई.टी. को लेकर सभी औपचारिकताओं को पूरा करने में लगी हुई है।

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