डिवीजनल कमिश्नर के खिलाफ CBI जांच हो: BSF

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2020 - 09:08 AM (IST)

 फिरोजपुर(राजेंद्र मल्होत्रा): केन्द्र सरकार की भूमि के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर इसका अधिग्रहण करवाने के मामले में सीमा सुरक्षा बल और जिला प्रशासन आमने-सामने हो गए हैं। एक तरफ जहां बी.एस.एफ. अधिकारियों ने पंजाब सरकार के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर इस मामले में कमिश्नर फिरोजपुर डिवीजन के खिलाफ सी.बी.आई. जांच करवाने की मांग की है वहीं दूसरी ओर माल विभाग के सेवामुक्त कानूनगो ने भी कमिश्नर एवं उनके कार्यालय के सुपरिंटैंडैंट एवं 2 क्लर्कों पर बिना जांच पड़ताल किए उनके खिलाफ एक्शन लेने के आरोप लगाए हैं।

इसी मामले में माल विभाग के सेवामुक्त कानूनगो निशान सिंह ने प्रैस कांफ्रैंस करते हुए बताया कि जब वह सदर कानूनगो शाखा, फिरोजपुर में तैनात था तो मई 2019 में फाजिल्का के किसी व्यक्ति ने उसके खिलाफ झूठी शिकायतें कमिश्नर कार्यालय में कीं जिसे कमिश्नर कार्यालय की ओर से जांच के लिए डी.सी. फाजिल्का को भेज दिया।डी.सी. फाजिल्का द्वारा दोनों शिकायतों में नवंबर 2019 में उन्हें क्लीन चिट देते हुए कमिश्नर कार्यालय को मामला बंद करने को लिख दिया। निशान सिंह ने आरोप लगाए कि डी.सी. फाजिल्का की जांच के बावजूद कमिश्नर कार्यालय द्वारा 27 दिसंबर 2019 को पुन: डी.सी. फाजिल्का को मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिख दिया गया। 24 जनवरी 2020 को जब उसे पूरे मामले का पता चला तो उसने कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दी।

कमिश्नर और उनके कार्यालय के सुपरिंटैंडैंट और क्लर्क ने कुछ नहीं देखा और 4 फरवरी को डी.सी. फिरोजपुर को उनके खिलाफ बड़ी सजा का लैटर जारी कर दिया। निशान सिंह ने बताया कि इसके बाद 18 फरवरी को उन्होंने पुन: कमिश्नर फिरोजपुर को शिकायत दी लेकिन इस शिकायत पर पुन: कोई ध्यान नहीं दिया गया। निशान सिंह ने आरोप लगाए कि कमिश्नर फिरोजपुर और उनके कार्यालय के सुपरिंटैंडैंट और क्लर्क ने उसके बच्चों के मुंह से रोटी छीनने की कोशिश की है। कहीं न्याय न मिलता देख उसने स्टेट एस.सी. कमिशन के पास शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी जान को खतरा है और उस पर बेवजह आरोप लगाकर उसे परेशान किया जा रहा है। उसने आरोप लगाए कि एस.सी. कमिशन को शिकायत देने के बाद कमिश्नर कार्यालय का सुपरीडैंट रक्खड़ा और कलर्क झांब उससे निजी रंजिश रखने लगे हैं और उसे मरवाने की साजिशें रच रहे हैं और कमिश्नर फिरोजपुर उसके खिलाफ झूठा पुलिस केस दर्ज करवाना चाहते हैं।

तत्कालीन डी.सी. कर चुके हैं कानूनगो को डिसमिस 
इस मामले में बी.एस.एफ. द्वारा डी.सी. फिरोजपुर को दी गई शिकायत के आधार पर ए.डी.सी. जनरल द्वारा की गई जांच और अटार्नी जनरल द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर माल विभाग के कानूनगो बलकार सिंह द्वारा रिकॉर्ड में हेरफेर कर केन्द्र सरकार की भूमि को जब्री अधिग्रहण में डाल कर केन्द्र सरकार को 1.11 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोपों के तहत डिसमिस कर दिया था। बी.एस.एफ. अधिकारियों ने बताया कि ए.डी.सी. की जांच रिपोर्ट में इस घपले में 2 एस.डी.एम., 2 तहसीलदारों, 2 कानूनगो, 1 पटवारी, 2 बी.एस.एफ. अधिकारियों और 3 अन्य लोगों की संलिप्तता पाई गई थी। बी.एस.एफ. अधिकारियों ने मांग की कि ए.डी.सी. जनरल की जांच रिपोर्ट के बाद इस मामले में बहुत ही असंवैधानिक तरीका अपनाया गया है जिसकी सी.बी.आई. जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए।

क्या है मामला
बी.एस.एफ. खाई महल सिंह वाला कार्यालय की ओर से प्रमुख सचिव पंजाब सरकार को पत्र भेजकर बताया गया है कि अंत्तर्राष्ट्रीय सीमा पर केन्द्र सरकार की भूमि, जिस पर बी.एस.एफ. को कहीं भी चौकी बनाने का अधिकार है, इस भूमि को माल विभाग के पटवारी, तहसीलदार एवं उप-मण्डल अधिकारी द्वारा अधिग्रहण करने की एन.ओ.सी. दे दी गई थी जबकि इस भूमि पर ना तो कोई काश्त होती थी, न यह भूमि गैर मुमकिन थी और ना ही संबंधित भूमि पर कोई फैक्ट्री थी।  बी.एस.एफ. अधिकारियों के आरोप थे कि क्षेत्र में काफी लंबे समय तक पटवारी रहे बलकार सिंह ने माल विभाग के रिकॉर्ड में हेरफेर कर इस भूमि के जाली अधिग्रहण को अंजाम दिया और करोड़ों रुपए की भूमि हथियाने की कोशिश की। बी.एस.एफ. अधिकारियों द्वारा सरकार के ध्यान में लाया गया कि इस भूमि संबंधी प्रीतम सिंह नामक व्यक्ति बार-बार बी.एस.एफ. पर फर्जी केस डाल कर इस भूमि पर अपना हक जताने का दावा करता है।


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