बोर्ड कक्षाओं की स्टूडैंट्स को राहतः सी.बी.एस.ई. व आई.एस.सी.ई. फिर कम कर सकते हैं सिलेबस

punjabkesari.in Sunday, Oct 11, 2020 - 09:13 AM (IST)

लुधियाना(विक्की): कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के चलते जहां देशभर के स्टूडैंट्स की पढाई प्रभावित हुई है, वहीं अब आने वाले समय में फाइनल परीक्षाओं का स्ट्रैस भी विद्यार्थियों पर अभी से बढ़ने लगा है। स्कूलों में मिड टर्म के एग्जाम का रिजल्ट सामने आने के बाद बोर्ड कक्षाओं के अध्यापकों और बच्चों ने फाइनल परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी कमर कस ली है। 10वीं और 12वी के स्टूडैंट्स पर एग्जाम स्ट्रैस कम करने के लिए देश के सबसे बड़े एजुकेशन बोर्ड सैंट्रल बोर्ड ऑफ सैकेंडरी एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) और कौंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट एग्जामिनेशन (सी.आई.एस.सी.ई.) ने एक बार फिर से इन कक्षाओं का सिलेबस कम करने की रूप रेखा बनानी शुरू कर दी है। हालांकि इस संबंधी अभी तक कोई अधिकारिक नोटिफिकेशन तो जारी नहीं हुआ है लेकिन आने वाले दिनों में इसकी औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। 

जानकारी के मुताबिक स्कूल फिलहाल अभी बंद ही रहेंगे और ऑनलाइन क्लासेज सामान्य रूप से चलती रहेंगी। दोनों राष्ट्रीय बोर्डों के अधिकारियों ने कहा है कि शिक्षा के बोझ को कम करने के लिए सिलेबस में कटौती करने की जरूरत है। सी.बी.एस.ई. सूत्रों के अनुसार फिलहाल सिलेबस कम करने को लेकर कोई निर्यण नहीं लिया गया है। अगर इसी तरह की स्थितियां बनी रहीं तो सिलेबस में कटौती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि 70 या 50 प्रतिशत पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षा आयोजित की जाएगी कि नहीं, इस पर बोर्ड जल्द ही अपना निर्णय लेगा।

फाइनल एग्जाम भी हो सकते हैं लेट
यही नहीं, हर वर्ष फरवरी अंत या मार्च के शुरूआती दिनों में ही बोर्ड के एग्जाम आयोजित करने वाले सी.बी.एस.ई. ने वार्षिक परीक्षाओं को भी करीब 1 से 2 महीने की देरी से करवाने पर विचार शुरू किया है। यहां बता दें कि सी.बी.एस.ई. और सी.आई.एस.सी.ई. पहले ही अपने सिलेबस में 30 प्रतिशत तक की कटौती कर चुके हैं। इसके बाद ही देश के अन्य स्टेट बोर्ड्स ने भी अपने बोर्ड कक्षाओं के पाठ्यक्रम में कटौती की थी।

कोरोना काल में परीक्षाएं आयोजित कराना एक बड़ी चुनौती
सी.आई.एस.सी.ई. के चीफ एग्जीक्यूटिव गेरी अराथून ने कहा कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है कि 2021 के एग्जाम का क्राइटेरिया क्या होगा लेकिन अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो आगे जाकर सिलेबस में कटौती की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर थोड़े भी हालात सुधरते हैं तो बोर्ड परीक्षा से पहले स्कूल में कक्षाएं शुरू हो जाएं ताकि परीक्षा से संबंधित समस्याओं का हल निकाला जा सके। उन्होंने कहा कि कई विद्यालयों की ओर से कहा गया है कि सिलेबस में 50 प्रतिशत तक कटौती की जाए, मगर हालात जैसे रहेंगे, उसी के अनुसार फैसले लिए जाएंगे। इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ‘कोरोना काल’ में सामाजिक दूरी के साथ परीक्षाएं आयोजित कराना एक बड़ी चुनौती है। हम शिक्षा मंत्रालय के आदेश का इंतजार कर रहे हैं जैसे निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार ही आगे फैसले लिए जाएंगे।

कुंदन विद्या मंदिर की प्रिंसीपल नविता पुरी का कहना है कि कोरोना काल के दौरान भी विद्यार्थियों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेज द्वारा निर्विघ्न जारी है। सिलेबस कम होने के संबंध में हमें अभी तक कोई ऑफिशियल सूचना नहीं प्राप्त हुई है। अगर इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त होती है तो उसके अनुसार सिलेबस करवाया जाएगा लेकिन तब तक पुराने सिलेबस के अनुसार ही पढ़ाई जारी रहेगी।

डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल पक्खोवाल रोड की प्रिंसीपल डॉ. सतवंत कौर भुल्लर ने बताया कि जब तक आधिकरिक रूप से हमें कोई सूचना नहीं प्राप्त होती तब तक बच्चों को पुराने सिलेबस के अनुसार ही पढ़ाई करवाई जाएगी। बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से बच्चों को स्टैप बाय स्टैप पूरा सिलेबस कवर करवाया जा रहा है। अगर सिलेबस के संबंध में बोर्ड द्वारा नई दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं तो उसे फॉलो किया जाएगा।

Sunita sarangal