CBSE देशभर में एग्जाम कंडक्ट करवा सकती है तो PSEB क्यों नहीं?

punjabkesari.in Wednesday, May 13, 2020 - 01:34 PM (IST)

लुधियाना (विक्की): कोविड-19 को देखते हुए पंजाब सरकार द्वारा पी.एस.ई.बी. 10वीं की परीक्षाएं दे रहे विद्यार्थियों को प्री बोर्ड रिजल्ट के आधार पर प्रमोट करने के फैसले पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने आपतिजताई है। पंजाब केसरी से विशेष बातचीत दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्री बोर्ड के बेस पर सभी स्टूडेंट्स को पास करना सही नहीं है।

उन्होंने सवाल किया कि अगर देश के सबसे बड़े बोर्ड सी.बी.एस.ई. के अलावा अन्य राज्य बोर्ड भी मैट्रिक की परीक्षाएं ले सकते हैं तो पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को परीक्षा कंडक्ट करने में क्या दिकत है? इसलिए कांग्रेस सरकार को 10वीं के एग्जाम लेने के लिए कोई स्ट्रेट्जी बनानी चाहिए। क्योंकि सरकार के इस फैसले पर मैट्रिक की परीक्षा दे रहे स्टूडेंटसका भविष्य टिका हुआ है। उन्होने मुख्यमंत्री कै अमरेंद्र सिंह स्टूडेंटस के भविष्य के मददेनजर पुनः विचार करने के लिएकैडमिक एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव का सुझाव भी दिया।

कछ दिन इंतजार करके परीक्षाएं करवाने का दिया सुझाव
डा. चीमा ने कहा कि यह कोई राजनीतिक नहीं बल्कि एकैडमिक इश्यू है। सरकार अभी कुछ समय तक इंतजार करके स्कूल खुलते ही परीक्षाएं करवा सकती है। क्योंकि 10वीं के रिजल्ट के बेस पर ही स्टूडेंटस के करियर की शुरूआत होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि परीक्षाएं करवाने के लिए बच्चों के सैंटर उन्हीं के स्कूलों में बनाने के साथ परीक्षा समय कुछ कम करके इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। क्योंकि 10वीं के बाद अगली कक्षाओं की दाखिला प्रक्रिया अगस्त तक चलती है। डा.चीमा ने कहा कि 10वीं के अंकों के आधार पर ही स्टूडेंटस पॉलीटेकनिक कालेजों में एडमिशन लेने के अलावा 11वीं में अपनी विषय संबंधित स्ट्रीम चुनते हैं। लेकिन अब बिना परीक्षा स्टूडेंटस कैसे अपनी स्ट्रीम चुनेंगे। उन्होंने कहा कि मैट्रिक की परीक्षा स्टूडेंट्स का बेस है।

किस आधार पर जारी होगा ओपन बोर्ड के स्टूडेंट्स का रिजल्ट
पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि 10वीं की परीक्षाओं में इस बार 3.23 लाख स्टूडेंट्स अपीयर हो रहे हैं जिसमें 23 हजार स्टूडेंट्स ओपन बोर्ड के हैं। अब ओपन बोर्ड का कोई भी परीक्षार्थी ना तो पूरे सैशन में कोई टैस्ट देता है और ना ही प्री बोर्ड परीक्षा में भागलेता है।तो ऐसे में सरकार उक्त ओपन बोर्ड से संबधित विद्यार्थियों को किस रिजल्ट के आधार पर प्रमोट करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने फैसला लेते समय कई पहलुओं पर विचार ही नहीं किया।

प्री बोर्ड का रिजल्ट रिकार्ड
किसी पोर्टल पर नहीं प्री बोर्ड एग्जाम बारे पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा यह कलास स्तर का कंपीटीशन है। उसमें अध्यापक द्वारा सख्त मार्किंग की जाती है जिसमें बच्चों की परफार्मस उम्मीद के मुताबिक नहीं आती। लेकिन फाईनल एग्जाम के लिए स्टूडेंटस दिन-रात मेहनत करते हैं लेकिन उनकी मेहनत पर भी सरकार के फैसले ने पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि अधिकतर स्कूलों के प्री बोर्ड रिजल्ट का रिकार्ड किसी भी पोर्टल पर नहीं है। तो उनका रिजल्ट कैसे बनेगा। उन्होने कहा कि सरकार के फैसले के बाद कुछ स्कूल अगर 40 परसेंट अंक लेने वाले बच्चे की परसेंट बढ़ाकर बोर्ड को भेज देंगे तो वह उसी के आधार पर वह 11वीं में मैडीकल या नॉन मैडीकल स्ट्रीम ले लेगा। लेकिन 12वीं में अटक जाएगा। वहीं टॉपर आने की उममीद रखने वाले बच्चों के साथ भी उक्त निर्णय अन्याय कर रहा है। नैशनल स्तर पर हो कोई फैसला डा.चीमा ने कहा कि आने वाले कुछ समय बाद कोविड को किसी ने नहीं पूछना लेकिन बच्चों के करियर पर कैप्टन सरकार कायह फैसला विपरीत असर डालेगा।इसलिए 10वीं की परीक्षाबारे नैशनल लेवल पर कोई फैसला होना चाहिए। सरकार ने टॉपर बच्चों के बारे में नहीं सोचा। इसके अलावा जो बच्चे पढ़ाई में गंभीर नहीं है अब वेभी सरकार के इस फैसले के बाद पास हो जाएंगे तो शिक्षा में गुणात्मकता कहां से आएगी। बच्चों के लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी।

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