केन्द्र ने अभी तक नहीं भेजा GST का बकाया,पंजाब में गहराया वित्तीय सकंट

punjabkesari.in Friday, Nov 29, 2019 - 08:35 AM (IST)

जालंधर(धवन): केन्द्र सरकार ने पंजाब को जी.एस.टी. का बकाया 31 अक्तूबर तक रिलीज करना था परंतु एक माह बीत जाने के बावजूद अभी तक यह राशि रिलीज नहीं हो सकी है। इससे पंजाब सरकार के समक्ष वित्तीय संकट गहराया हुआ है। केन्द्र के वायदे के अनुसार अगस्त व सितम्बर माह की जी.एस.टी. के बकाए की 2100 करोड़ की राशि 31 अक्तूबर तक पंजाब को मिल जानी चाहिए थी पर पिछले एक माह से लगातार रिमाइंडर भेजने के बावजूद यह राशि रिलीज नहीं हो सकी है। इसके अतिरिक्त 2000 करोड़ का अतिरिक्त बकाया भी पंजाब को मिलना था। कुल राशि 4100 करोड़ रुपए की बनती है। 

कैबिनेट बैठक में वित्तीय संकट को लेकर चर्चा करेंगे कैप्टन
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जी.एस.टी. का बकाया रिलीज न होने से पैदा हुए वित्तीय संकट को लेकर अपने साथी मंत्रियों के साथ 2 दिसम्बर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में चर्चा भी करेंगे। मुख्यमंत्री ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण को ट्वीट करके जी.एस.टी. का बकाया तुरंत रिलीज करने की मांग की थी। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल भी लगातार जी.एस.टी. का बकाया न रिलीज करने के मुद्दे पर केन्द्र सरकार पर बरस रहे हैं। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह का मानना है कि जी.एस.टी. की राशि न आने से राज्य में विकास कार्यों पर विपरीत असर पड़ रहा है। 

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने नहीं दिए सकेंत आखिर कब रिलीज होगी राशि
अभी तक केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने इस बात के कोई संकेत नहीं दिए हैं कि यह राशि पंजाब को कब रिलीज की जाएगी। आबकारी व कराधान विभाग के उच्चाधिकारियों का मानना है कि केन्द्र सरकार को स्वयं जी.एस.टी. को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तथा जी.एस.टी. से होने वाले राजस्व में भारी कमी आई है। अधिकारियों का मानना है कि अगस्त, सितम्बर  व  अक्तूबर  महीने  में  ही  केन्द्र सरकार को जी.एस.टी. से प्राप्त होने वाले राजस्व में लगभग 1 लाख करोड़ से अधिक की कमी आई है। 

पंजाब में जी.एस.टी. से प्राप्त होने वाले राजस्व में आई कमी  
सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2019-20 के पहले 5 महीनों में ही जी.एस.टी. से होने वाली राजस्व प्राप्ति में सर्वाधिक कमी पंजाब में दर्ज हुई है। इस अवधि के दौरान पंजाब को हर माह जी.एस.टी. से 2037 करोड़ रुपए का राजस्व देने का वायदा किया गया था। हिमाचल प्रदेश में भी यद्यपि जी.एस.टी. से होने वाले राजस्व में 37 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में जी.एस.टी. के राजस्व में 36 प्रतिशत व उत्तराखंड में भी 34 प्रतिशत की गिरावट आई है।  

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