केंद्र ने रोकी पंजाब की 'मालगाड़ियां', किसानों ने की सख्त निंदा

punjabkesari.in Monday, Oct 26, 2020 - 12:36 PM (IST)

चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा फरमान जारी करते हुए पंजाब आने वाली मालगाड़ियां रोक ली गई हैं, जिससे खाद, कोयला और अनाज की ढुलाई प्रभावित होगी। किसान जत्थेबंदियों द्वारा केंद्र सरकार के इस फरमान की सख्त निंदा की जा रही है। पंजाब की 30 संघर्षशील जत्थेबंदियों ने मौजूदा हालातों पर चर्चा के लिए ऑनलाइन मीटिंग की, जिसमें किसान नेताओं ने ऐलान किया कि केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के लोग विरोधी मंसूबों और किसानों के संघर्ष को बदनाम और नाकाम करने की साजिशों को बिल्कुल भी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

किसान नेता डा. दर्शन पाल के नेतृत्व में हुई मीटिंग दौरान किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा कि किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक खाली कर दिए गए हैं लेकिन अब केंद्र सरकार मालगाड़ियां चलाने के लिए यह शर्त रख रही है कि किसान यात्री गाड़ियां भी निकलने दें, जो कि निंदनीय है। किसान नेताओं ने कहा कि वास्तव में केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को दबाने के लिए बहाने ढूंढ रही है लेकिन जत्थेबंदियां केंद्र सरकार का दबाव नहीं सहेंगीं।

किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा पूरी तरह बौखला चुकी है। इसलिए वह अपनी अस्तित्व बचाने के लिए पंजाब में दलित पत्ता खेल रही है। भाजपा के इस दोगले किरदार को पंजाब के लोग अच्छी तरह समझते हैं और उसकी इस कोशिश को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। किसान जत्थेबंदियों के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, कुलवंत सिंह संधू, जतिन्दर सिंह छीना और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हम लगातार मांग कर रहे थे कि दलित विद्यार्थी वजीफा घपले की जांच हो और आरोपियों को सजाएं हों लेकिन अब जब किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ भाजपा नेताओं के जगह-जगह घेराव हो रहे हैं तो साजिश के तहत इस घपले के नाम पर जनतक सरगर्मियां शुरु कर किसानों में उत्साह पैदा करने के यत्न शुरू कर दिए हैं।

भाजपा नेता सांपला द्वारा मार्च करने का न्योता इस बात का संकेत है। उन्होंने कहा कि किसान जत्थेबंदियां पूरी तरह चौकन्ना हैं और भाजपा के राज्य में तनाव पैदा करने के इस कदम का पूरी सूझ-बूझ से जवाब देंगी। उन्होंने कहा कि किसान संघर्षों में दलित भी शामिल हैं और हम दलितों के हर तरह के संघर्ष में उनके साथ खड़े होंगे। 26 और 27 अक्तूबर को दिल्ली में देश भर की किसान जत्थेबंदियां मीटिंग करके राष्ट्रीय स्तर पर तीखा संघर्ष करेंगी।


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Sunita sarangal

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