मानीटरिंग कमेटी का गन्ना आयुक्त से सवाल-क्यों दिए चड्ढा शूगर मिल को अतिरिक्त गन्ना पिराई के आदेश

punjabkesari.in Saturday, Dec 22, 2018 - 11:57 AM (IST)

चंडीगढ़  (अश्वनी): चड्ढा शूगर मिल के सीरे से पर्यावरण को हुए नुक्सान मामले में अब पंजाब गन्ना आयुक्त भी निशाने पर आ गए हैं। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अगुवाई में गठित मॉनीटरिंग कमेटी ने गन्ना आयुक्त से जवाब तलब किया है। गन्ना आयुक्त से पूछा गया है कि उन्होंने किन परिस्थितियों में चड्ढा शूगर मिल को अतिरिक्त गन्ना पिराई के आदेश दिए। 

गन्ना आयुक्त से यह भी पूछा गया है कि उनके पास ऐसे कौन से अधिकार हैं कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखे बिना पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सहित रैगुलेटरी अथॉरिटी से सलाह-मशविरा किए बिना और शूगर मिल की गन्ना पिराई क्षमता को दरकिनार कर अतिरिक्त गन्ना पिराई के आदेश जारी कर दिए गए। मॉनीटरिंग कमेटी ने इस मामले में गन्ना आयुक्त को 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। चड्ढा शूगर मिल कॉम्पलैक्स से 16 मई, 2018 को गन्ने की पिराई से निकला सीरा बहकर ब्यास नदी में घुल गया था जिस कारण लाखों जलीय जीव-जंतुओं की मौत हो गई थी और पर्यावरण को काफी नुक्सान हुआ था। इस मामले की जांच-पड़ताल के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों की अगुवाई में एक मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया था। 

गन्ना आयुक्त ने डाला अधिक पिराई का दबाव
कमेटी द्वारा की जा रही जांच में अपना पक्ष रखते हुए चड्ढा शूगर मिल के अधिकारियों ने कहा कि पंजाब के गन्ना आयुक्त शूगर मिल पर लगातार अधिक गन्ना पिराई का दबाव बना रहे थे जिसके चलते मिल को मजबूरन अधिक गन्ना पिराई करनी पड़ी। 19 अप्रैल, 2018 तक मिल ने 111 लाख टन गन्ने की पिराई की जबकि 2016-17 में शूगर मिल ने महज 85 लाख टन गन्ने की पिराई की थी। अधिक पिराई के कारण अधिक मात्रा में सीरा पैदा हुआ जिसे शूगर मिल ने खुले कुंड यानी ओपन लैगून में स्टोर किया।

सीरे की गर्मी बढने से हुआ था रिएक्शन
मई में तापमान 40-42 डिग्री पहुंचाने के कारण सीरे की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ गई और इससे हुए रिएक्शन के कारण गर्म सीरा ओपन लैगून की दीवारों को तोड़कर काहनूवान ड्रेन से होते हुए ब्यास नदी में पहुंच गया जिसकी वजह से जलीय जीव-जंतु मारे गए और पर्यावरण को नुक्सान हुआ। कमेटी ने शूगर मिल के इसी जवाब के आधार पर अब गन्ना आयुक्त से जवाब-तलब किया है।

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को नहीं किया गया सूचित
गन्ने की अधिक पिराई के बावजूद गन्ना आयुक्त और शूगर मिल ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को सूचित नहीं किया था। बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो बोर्ड ने शूगर मिल को प्रतिदिन 4500 टन गन्न्ना पिराई की मंजूरी दी हुई है। शूगर मिल अधिक गन्ना पिराई कर रही है, इसके बारे में न तो गन्ना आयुक्त ने कोई सूचना दी और न ही शूगर मिल ने बोर्ड को सूचित किया। बोर्ड को सूचना सीरा बहने के बाद प्राप्त हुई। 

इस संबंधी पंजाब के गन्ना आयुक्त जसवंत सिंह ने कहा कि  मॉनीटरिंग कमेटी की तरफ से भेजा गया पत्र मिल गया है। शूगर मिल को जारी किए गए आदेश संबंधी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। रिकॉर्ड देखने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है। जल्द ही इस मामले में जवाब तैयार कर मॉनीटरिंग कमेटी को भेज दिया जाएगा।

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