चंडीगढ़ सिर्फ पंजाब व हरियाणा की राजधानी, इस पर नहीं है किसी का अधिकार

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2019 - 12:32 PM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में फूल सिंह नामक व्यक्ति की याचिका पर चल रहे मामले में सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने एफिडैविट दाखिल कर कोर्ट को बताया कि पंजाब व हरियाणा का चंडीगढ़ पर कोई हक नहीं है। वर्ष 1952 तक चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा था लेकिन 1966 में श्याम कृष्ण कमीशन की सिफारिशों के बाद मनीमाजरा व चंडीगढ़ को मिलाकर केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था। नए एक्ट की अधिसूचना में स्पष्ट है कि चंडीगढ़ सिर्फ पंजाब व हरियाणा की राजधानी रहेगा लेकिन दोनों में से किसी का चंडीगढ़ पर अधिकार नहीं रहेगा। 

हरियाणा की ओर से एडवोकेट जनरल पिछली तारीख पर कोर्ट में हाजिर हुए थे व सरकार की ओर से एफिडैविट दाखिल कर चंडीगढ़ पर हरियाणा के अधिकार से इन्कार कर दिया था जबकि पंजाब ने अभी इस संबंधी जवाब दाखिल नहीं किया है। पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कोर्ट को बताया था कि चंडीगढ़ या किसी अन्य राज्य से संबंधित व्यक्ति को पंजाब में आरक्षण है, यह स्टेट का मैटर है लेकिन चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार है या नहीं इस पर पंजाब ने  जवाब दाखिल नहीं किया।

पंजाब की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एडवोकेट जनरल शहर से बाहर हैं। इसलिए उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। वहीं, चंडीगढ़ प्रशासन ने भी हाईकोर्ट में एफिडैविट दाखिल कर अपना पक्ष रखा। कोर्ट को बताया गया कि चंडीगढ़ का खुद का ज्यूडीशियरी कैडर नहीं है बल्कि पंजाब और हरियाणा कैडर से काम चलाया जा रहा है।  चंडीगढ़ निवासी फूल सिंह अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं जिन्होंने डिस्ट्रिक्ट जज के लिए आवेदन किया था व वह पंजाब व हरियाणा में मैरिट में आते रहे, मगर दोनों ही राज्य कहते हैं कि वह उनके राज्य का हिस्सा नहीं हैं। 

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