Chandigarh Pollution: चंडीगढ़ की हवा में सांस लेना हुआ मुश्किल, खतरनाक श्रेणी में पहुंचा AQI
punjabkesari.in Friday, Nov 15, 2024 - 11:51 AM (IST)
चंडीगढ़: चंडीगढ़ बनने के बाद लोगों ने पहले कभी इतना गंभीर प्रदूषण नहीं झेला था। चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर तमाम सीमाएं लांघते हुए बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच गया है।
वीरवार शाम सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने देश के 249 शहरों में प्रदूषण का एयर क्वालिटी इंडेक्स (ए.क्यू.आई.) रिलीज किया, तो वीरवार का दिन चंडीगढ़ के इतिहास में सबसे प्रदूषित दिन में दर्ज हो चुका था। वीरवार को चंडीगढ़ का औसतन ए. क्यू. आई लेवल पहली बार 4 12 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के अधिकतम स्तर पर रिकार्ड रहा। अब पंचकूला का ए.क्यू. आई. भी 300 को पार कर बेहद खराब स्तर को छू चुका है। चंडीगढ़ के प्रदूषण का ये स्तर देश में सिर्फ दिल्ली के ए.क्यू.आई. 423 के बाद दूसरे नंबर पर था। चिंता की बात अब ये है कि शहर पर जमावड़ा लगा चुके प्रदूषण -के कणों को हटाने में मददगार हवा और बारिश दोनों के आसार कम हैं।
आग्रहः लाल बत्ती पर गाडी बंद करें
प्रशासन भी अप्रत्याशित प्रदूषण से निपटने में लाचार हो चुका है। सड़कों और चौकों की रेड लाइट पर खड़ी गाड़ियों को बंद करने के लिए ही कह पा रहा है। सड़कों और पेड़ों से धूल हटाने के लिए फेंके जा रहे पानी का प्लान भी फेल साबित हुआ है। अबप्रशासन को स्कूलों को बंद करने से लेकर दूसरे कड़े कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है।
2 जगह 16 घंटे प्रदूषण 500 पार
शहर की तीन जगह प्रदूषण के आंकड़े जुटा रहीं आब्जर्वेटरी में से 2 जगह बुधवार रात 9 बजे से वीरवार दोपहर एक बजे तक प्रदूषण का स्तर 500 से नीचे नहीं आया। सैक्टर-22 और 35 के आसपास के सैक्टरों के लोगों को इस गंभीर हालत का सामना करना पड़ा। सैक्टर-25 के आसपास के सैक्टरों में प्रदूषण का ये स्तर 12 घंटे तक 400 के पार रहा। वर्ल्ड हैल्य आर्गनाइजेशन के तय पैरामीटरों के मुताबिक प्रदूषण का ये मौजूदा स्तर इंसानों की सेहत के लिए तय सैफ्टी लिमिट 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से 400 ऊपर था।
4 में से एक को चैस्ट इंफैक्शन
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण की वजह से 4 लोगों के परिवार में से औसतन एक चैस्ट इंफैक्शन की चपेट में है। कोविड के बाद पहली दफा हुआ कि अस्पतालों में खंसी के मरीज पहुंच रहे हैं। कैमिस्ट्स के पास हफ्ते में कफ सिरप, दवा या गला साफ करने वाली दवाओं की खरीद 40 फीसदी तक बढ़ी है। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि लगातार 7 दिन सेप्रदूषित हवा में सेहत के लिए सबसे खराब पी. एम. 2.5. के पार्टिकल स्वस्थ लोगों के फेफड़ों में की बेहद अंदरूरी परतों पर जाकर जम चुके हैं।
लोकल सोर्स से सिर्फ 10 फीसदी
पर्यावरण विशपज्ञों की राय में चंडीगढ़ शहर बिना कुसूर सिर्फ बाहरी प्रदूपण की मार झेल रहा है। विशे पज्ञों का कहना है कि चंडीगढ़ में फैले 90 फीसदी प्रदूषण के सोर्स बाहरी हैं। पराली जलाए जाने से लेकर धूल समेत १० फीसदी प्रदूपण बाहर से आकर छाया है। इस प्रदूपण में चंडीगढ़ के लोकल सोर्स से बना प्रदूषण तो सिर्फ 10 फीस दी है। लंबे अर्से से बारिश न होने के बाद सूखी जमीन से उठती धूल और ट्रैफिक से ये 10 फीसदी प्रदूषण फैला है।