पंजाब के स्कूलों के लिए अहम खबर, मंत्रिमंडल की तरफ से फैसलों पर लगी मोहर

punjabkesari.in Monday, Nov 08, 2021 - 09:42 AM (IST)

चंडीगढ़: राज्य भर के स्कूलों में पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों के लिए पंजाबी को जरूरी विषय के तौर पर सख्ती के साथ लागू करने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने आज ‘पंजाबी और अन्य भाषाओं शिक्षा बारे पंजाब एक्ट-2008’ में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है। इस कदम के साथ एक्ट के अधिनियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना राशि 25,000, 50,000 और एक लाख रुपए से बढ़ा कर क्रमवार 50,000, एक लाख रुपए और दो लाख रुपए हो जाएगी। मीटिंग में पंजाब विधानसभा के मौजूदा बैठक में यह बिल पेश करने के लिए भी हरी झंडी दे दी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक कोई भी स्कूल जो एक्ट के कानून या इस अधीन बनाए नियमों की एक महीने से अधिक समय के लिए पहली बार उल्लंघन करेगा, वह 50,000 रुपए जुर्माने का भागीदार होगा। बशर्ते कि यदि ऐसा स्कूल एक्ट के अधिनियम प्रावधान और इस अधीन बनाए नियमों की एक महीने से अधिक समय के लिए दूसरी बार उल्लंघन करेगा तो वह एक लाख रुपए जुर्माने का भागीदार होगा। बशर्ते कि यदि ऐसा स्कूल एक्ट के अधिनियम और इस अधीन बनाए नियमों की एक महीने से अधिक समय के लिए तीसरी बार उल्लंघन करेगा तो वह 2 लाख रुपए जुर्माने का भागीदार होगा।

इसी तरह धारा 8 अधीन उपधारा 1-ए भी शामिल की गई है जिसके मुताबिक राज्य सरकार जहां भी यह महसूस करे कि ऐसा किया जाना अपेक्षित और व्यावहारिक है तो लिखित रूप में कारण स्पष्ट करके राज्य सरकार सरकारी गजट में अधिसूचना जारी करके एक्ट की धारा 8 की उपधारा 1 अधीन निर्धारित किए जुर्माने को बढ़ा या घटा सकती है। इसी तरह एक्ट की धारा 2 की क्लॉज (ई) में स्कूल शब्द की परिभाषा इस तरह दी गई है जिस अनुसार स्कूल का अर्थ कोई भी प्राथमिक स्कूल, माध्यमिक स्कूल, हाई स्कूल और सीनियर सेकेंडरी स्कूल है जिसका राज्य सरकार या स्थानीय संस्था या पंचायत, सोसायटी या ट्रस्ट की तरफ से स्थापित करके उसका रख-रखाव किया जाता हो या ऐसे अन्य स्कूल जो राज्य सरकार की तरफ से समय-समय पर नोटीफाई किए जाएं।

सरकारी भाषा एक्ट -1967 में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल की तरफ से पंजाब राज्य भाषा (संशोधन) एक्ट-2008 की धारा 8(डी) अधीन धारा 8(3) को शामिल करके एक्ट में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है जिसके अंतर्गत कार्यालय कामकाज पंजाबी भाषा में न करने वाले आधिकारियों/कर्मचारियों विरुद्ध सजा के अलावा जुर्माने की व्यवस्था की गई है। पंजाब राज्य भाषा एक्ट, 1967 और संशोधन एक्ट-2008 की धाराओं और इसके अंतर्गत अलग-अलग अधिसूचनाओं का उल्लंघन करने वाले अधिकारी या कर्मचारी विरुद्ध जुर्माने तय कर दिए गए है। इस अधिनियम अनुसार पहली बार उल्लंघन करने वाले कर्मचारी को समर्थ अथारिटी डायरैक्टर, भाषा विभाग, पंजाब की सिफारिशों अनुसार 500 रुपए जुर्माना किया जा सकता है। दूसरी बार उल्लंघन करने पर ऐसा जुर्माना 2000 रुपए और तीसरी बार करने पर ऐसा जुर्माना 5000 रुपए तक किया जा सकता है। ऐसा जुर्माना अधिकारी/कर्मचारी की तनख्वाह में से खंजाची अधिकारी की तरफ से वसूल किया जाएगा। बशर्ते कि ऐसा जुर्माना वसूलने से पहले संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को सुनवाई का मौका देना होगा। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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