हरसिमरत के इस्तीफे पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह बोले- बड़ी देर कर दी आपने

punjabkesari.in Friday, Sep 18, 2020 - 09:46 AM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज केंद्रीय खाद्य प्रस्संकरण मंत्री हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के निर्णय को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के शगूफों की लंबी जंजीर की एक और कड़ी करार दिया औैर कहा कि कृषि अध्यादेशों पर केंद्र सरकार का तमाचा खाने के बावजूद शिअद ने अभी केंद्र सरकार से नाता नहीं तोड़ा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में बने रहने के शिअद के फैसले पर सवाल उठाते हुए कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि बीबी बादल का इस्तीफा भी पंजाब के किसानों को गुमराह करने का शगूफा ही है। 

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन वह (अकाली नेता) किसान संगठनों को गुमराह करने में सफल होंगे नहीं।‘‘ मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्णय बहुत देरी से लिया गया है और निर्णय नाकाफी भी है। मुख्यमंत्री ने यहां जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार से हरसिमरत बादल का इस्तीफा बहुत देरी से आया है और पंजाब व इसके किसानों को इससे कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यदि शिअद ने ऐसा निर्णय पहले लिया होता और केंद्र सरकार को कृषि अध्यादेशों के मुद्दे पर समर्थन नहीं दिया होता तो हालात यहां तक नहीं बिगड़ते और केंद्र को ‘किसान विरोधी‘ कृषि अध्यादेश संसद में पेश करने से पहले दस बार सोचना पड़ता। उन्होंने कहा कि अब भी शिअद के केंद्र से अपने एकमात्र मंत्री से इस्तीफा दिलाने का कारण किसानों के प्रति उनकी चिंता नहीं बल्कि अपना राजनीतिक भविष्य संवारने और बादलों के डूबते राजनीतिक करियर बचाने की कोशिश है। 

कैप्टन ने कहा कि किसानों के आक्रोश और किसान संगठनों के दबाव ने ही बादलों को अध्यादेशों पर अपना रुख बदलने पर मजबूर किया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या सुखबीर और हरसिमरत पहले यह देख नहीं पा रहे थे कि इन अध्यादेशों से पंजाब की कृषि और अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचेगा? या फिर क्या वह सत्ता की लालच में अंधे हो गये थे और इसकी अनदेखी कर रहे थे?‘‘ उन्होंने दावा किया कि अब जबकि अकालियों को समझ में आ गया कि उनका खेल खत्म हो चुका है तो उनके सामने और कोई चारा नहीं था कि पंजाब में अपने खिसकते जनाधार को बचाने के लिए सार्वजनिक तौर पर अध्यादेशों के खिलाफ दिखें हालांकि प्रदेशवासी पहले भी उनको खारिज कर चुके हैं और फिर उन्हें खारिज करेंगे। 

Mohit