प्रकाश पर्व समागम से 52 दिन पहले भी सिर्फ प्रोजैक्टों की घोषणा कर रहे मुख्यमंत्री: मजीठिया

punjabkesari.in Friday, Sep 20, 2019 - 03:57 PM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह तथा उनकी टीम का डेरा बाबा नानक में दिखावे का दौरा उलटा पड़ गया, क्योंकि इस अवसर पर शताब्दी समागमों में सरकार द्वारा किए जा रहे योगदान या किसी प्रोजैक्ट बारे बताने की बजाय उन्हें केंद्र सरकार के चल रहे प्रोजैक्टों के साथ ही फोटो खिंचवानी पड़ी। 

उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग देखकर हैरान हो गए कि मुख्यमंत्री तथा उनके साथी आधी नींद में आंखें मलते हुए भारत सरकार द्वारा करतारपुर कारीडोर के कार्यों के तौर पर डेरा बाबा नानक में तथा इसके आसपास बुनियादी ढांचे के विकास के लिए शुरू 500 करोड़ के प्रोजैक्टों के सामने तस्वीरें खिंचवा रहे थे। मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री तथा उनकी सरकार से इस शताब्दी समारोह के इस पवित्र तथा ऐतिहासिक अवसर पर अधिक प्रतिबद्धता तथा गंभीरता दिखाने की आशा रखी जाती है। यह एक ऐसा समय है, जब गंभीरता तथा संयम का प्रदर्शन करना चाहिए तथा तुच्छ शोहरत या श्रेय लेने की फिजूल दौड़ से गुरेज करना चाहिए, खासतौर पर जब वह इसके हकदार न हों।  सरकार द्वारा पवित्र अवसर पर उठाए तथा आवश्यक कदमों का स्वागत करेंगे। अब तक तो मुख्यमंत्री को अपनी सरकार द्वारा किए एक योगदान पर ऊंगली रखनी मुश्किल हो रही है, जिस पर वह गर्व कर सकते हों।

सरकार की विफलता छुपाने को कुछ घोषणाएं करने का प्रयास किया 
अकाली नेता ने कहा कि दौरे समय मुख्यमंत्री परेशान से लग रहे थे तथा सरकार की विफलता को अंतिम समय पर कुछ घोषणाएं करके छुपाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यह बात हर पंजाबी को बुरी लगी है कि इस सबसे पवित्र ऐतिहासिक समागमों में उनकी अपनी सरकार का योगदान अब तक बिल्कुल ही शून्य रहा है या ऐसे कह सकते हैं कि न के बराबर ही रहा है। कोई भी पंजाबी इस बात पर गर्व नहीं कर सकता। मजीठिया ने कहा कि इस पवित्र अवसर पर मुख्यमंत्री तथा उनकी टीम कम से कम इतना कर सकती थी कि एन.डी.ए. सरकार द्वारा करतारपुर कारीडोर के लिए शानदार प्रोजैक्टों के रूप में किए योगदान की ईमानदारी से प्रशंसा कर सकती थी। यह वैश्विक तथा ऐतिहासिक 550वें प्रकाश पर्व समागम से सिर्फ 52 दिन पहले कैप्टन साहिब को यह जानकर अंदरूनी तौर पर बेहद निराशा हुई है कि उनके साथी तथा अधिकारी डेरा बाबा नानक में या इसके आसपास पंजाब सरकार का एक भी ऐसा प्रोजैक्ट नहीं ढूंढ सके, जहां वह फोटो खिंचवा सकें तथा उस प्रोजैक्ट को अपनी सरकार के योगदान तथा महान गुरु साहिब के लिए श्रद्धांजलि के तौर पर दिखा सकते।

दौरा फ्लॉप साबित हुआ 
मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह दौरा पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ, क्योंकि गुरु साहिब कभी भी पाखंड तथा अवसरवादिता तथा झूठा श्रेय लेने के लिए लड़ाइयों को मान्यता नहीं देते। यह दौरा मुख्यमंत्री को उलटा पड़ गया, क्योंकि अब तक कैप्टन सरकार का करतारपुर साहिब कारीडोर के साथ संबंधित प्रोजैक्टों के लिए योगदान शून्य रहा है। मजीठिया ने कहा कि स‘चाई यह है कि पंजाब सरकार ने इन समागमों के दौरान तथा समागमों के बाद दुनिया भर से बड़ी गिनती में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्राथमिक सुविधाओं का इंतजाम करने के अपने संवैधानिक कत्र्तव्य को भी नही निभाया है।

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