मुख्यमंत्री ने डाक्टर अरुण शर्मा को कोरोना योद्धा करार दिया, नम आंखों से दी अंतिम विदाई
punjabkesari.in Monday, Aug 31, 2020 - 09:25 AM (IST)

अमृतसर(दलजीत): कोविड-19 विरुद्ध जंग लड़ रहे कोरोना की भेंट चढ़े सिविल अस्पताल अमृतसर के एस.एम.ओ. डा. अरुण शर्मा का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह तथा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री ने सिविल अस्पताल अमृतसर के इंचार्ज व सीनियर मैडीकल अफसर डा. अरुण शर्मा की मृत्यु को अपूर्णीय क्षति करार दिया है। मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री ने अलग-अलग बयानों में कहा कि डाक्टर शर्मा कोविड-19 से पीड़ित थे तथा आज सुबह अमृतसर के जिला अस्पताल में उनका हृदयगति रुकने देहांत हुआ।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने परिवार के साथ हमदर्दी व्यक्त करते हुए कहा कि डा. अरुण शर्मा को कोरोना योद्धा के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने कोरोना से पीड़ित रोगियों की सेवा करते हुए अपना जीवन दाव पर लगा दिया। डाक्टरी शिक्षा और खोजमंत्री ओ.पी. सोनी, लोकसभा मैंबर गुरजीत सिंह औजला, डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा, पुलिस कमिशनर डा. सुखचैन सिंह गिल, कमिशनर निगम कोमल मितल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर रणबीर सिंह मूधल, डा. हिमांशू अग्रवाल, सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी, एस.डी.एम. विकास हीरा, एस.डी.एम. शिवराज सिंह बल्ल, सिविल सर्जन डा. नवदीप सिंह, प्रिंसीपल मैडीकल कालेज डा. राजीव देवगन व अन्य सीनियर अधिकारियों द्वारा फूलमालाएं भेंटकर उनको श्रद्धांजलि दी गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डा. शर्मा स्वास्थ्य विभाग के एक मेहनती व होनहार अधिकारियों में से एक थे। 53 वर्षीय डा. शर्मा मार्च महीने से ही कोविड-19 के खिलाफ अगली कतार में आकर लड़ाई लड़ रहे थे। ओ.पी. सोनी ने डा. अरुण शर्मा द्वारा जिला निवासियों को दी सेवाओं को याद करते कहा कि वह सचमुच कोरोना योद्धा थे और आखिरी समय तक एक फौजी की तरह अपनी ड्यूटी पर डटे रहे। लोक सभा मैंबर गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि डा. अरुण शर्मा ने अमृतसर से ही पढ़ाई करके लंबे समय तक अलग-अलग स्थानों पर अपनी सेवाएं दीं। आज उनके चले जाने का हमें बड़ा दुख है और एक माहिर डाक्टर की कमी हमारा शहर कभी भी पूरा नहीं कर सकेगा।