मुख्यमंत्री ने दिया सुखबीर बादल को जवाब.कहा- ''पहले केंद्र को अलविदा कहो, फिर प्रदर्शन करो''

punjabkesari.in Thursday, Jul 09, 2020 - 08:46 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी, धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान को भाजपा में राजनीतिक आकाओं के इशारों पर नाचना बंद करने की नसीहत दी है। उन्होंने सुखबीर बादल को तेल पर वैट बढ़ाने संबंधी राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन से पहले केंद्र से गठजोड़ तोडऩे की चुनौती दी है। 

कै. अमरेंद्र ने कहा कि सुखबीर बादल को लोगों की जान जोखिम में डालकर राजनीति से प्रेरित कदम उठाने की बजाय केंद्र सरकार पर तेल की कीमतें घटाने के लिए दबाव बनाना चाहिए, क्योंकि अनलॉक की शुरूआत से ही केंद्र सरकार ने पैट्रोल और डीजल की कीमतों में कई गुणा वृद्धि की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2016 से एन.डी.ए. सरकार जिसमें अकाली दल भी हिस्सेदार है, ने डीजल पर टैक्सों में 900 प्रतिशत और पैट्रोल पर 700 प्रतिशत वृद्धि की है। पैट्रोल और डीजल की कीमतें अब विश्व में सबसे शीर्ष पर पहुंच गई हैं। कै. अमरेंद्र ने कहा कि केंद्रीय करों में राज्य का 42 प्रतिशत हिस्सा है जबकि पैट्रोलियम उत्पादों पर आबकारी नहीं, सैस के जरिए टैक्स बढ़ाया जाता है जिस कारण राज्य हिस्से से वंचित रह जाते हैं। जून में तेल वृद्धि के लगातार 22 दिन से एकत्रित 2 लाख करोड़ से अधिक का समूचा राजस्व केंद्र के खजाने में जा रहा था।

प्रधानमंत्री को पत्र लिखने संबंधी सुखबीर के दावे पर कै. अमरेंद्र ने कहा कि यहां से पता चलता है कि केंद्र सरकार अपने हिस्सेदार की तरफ से उठाए मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं देती जिस कारण अकाली दल को एक दिन के लिए भी गठजोड़ में नहीं रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकालियों ने कोविड संकट दौरान पंजाब को वित्तीय राहत मुहैया करवाने के लिए केंद्र पर दबाव क्यों नहीं बनाया? केंद्र के सौतेले व्यवहार पर अकालियों खासकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल ने दबे हुए सुर में भी विरोध क्यों नहीं जताया? इससे जाहिर होता है कि पंजाब के लोगों की अकाली कितनी कम परवाह करते हैं और दावे कितने खोखले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने पिछली मीटिंग में केंद्र की तरफ से तेल की कीमतों में की गई वृद्धि को वापस लेने की मांग का प्रस्ताव पास किया था। 

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