मुख्यमंत्री का एजैंडा सर्वोपरि,DGP के साथ तालमेल कर करेंगे ड्रग्स का खात्मा: मुस्तफा

punjabkesari.in Sunday, Sep 09, 2018 - 08:18 AM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वाराएस.टी.एफ. चीफ की जिम्मेदारी डी.जी.पी. मोहम्मद मुस्तफा को सौंपी गई है जिसके बाद मुस्तफा ने मुख्यमंत्री निवास स्थान पर जाकर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से मुलाकात की तथा इसमें नशों को लेकर नई रणनीति पर चर्चा हुई। एस.टी.एफ. चीफ मुस्तफा के साथ की गई बातचीत के प्रमुख अंश निम्रलिखित हैं:-

प्र. : पंजाब में इस समय नशों पर नियंत्रण पाना आपकी प्रमुख प्राथमिकता रहेगी?
. : यह सही है कि पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के एजैंडे में सबसे ऊपर नशों का खात्मा करना था। मुख्यमंत्री व पंजाब पुलिस प्रमुख सुरेश अरोड़ा के प्रयासों से नशों की सप्लाई लाइन को तोड़ दिया गया है परन्तु अभी भी जो थोड़ा-बहुत नशा बिक रहा है उस पर पूरी तरह से रोक लगाना मेरे एजैंडे में सबसे ऊपर रहेगा।

प्र. : यह बात देखी गई है कि पंजाब पुलिस तथा एस.टी.एफ. के बीच में पूर्ण तालमेल न होने के कारण कई समस्याएं आई हैं?
उ. :
यह बात मेरे ध्यान में है तथा पंजाब पुलिस प्रमुख सुरेश अरोड़ा के साथ भी मेरे अच्छे संबंध हैं। मैं डी.जी.पी. अरोड़ा के साथ पूर्ण तालमेल रखते हुए नशों का खात्मा करने के लिए भरसक कोशिशें करूंगा। 

प्र. : एक बात यह भी महत्वपूर्ण है कि पुलिस थानों को कड़े निर्देश होने चाहिएं कि वे नशों पर रोक लगाएं, उसके बिना नशों का खात्मा संभव नहीं है?
उ. :
पुलिस थाना स्तर से एस.टी.एफ. को नशों पर रोक लगाने में पूर्ण सहयोग मिलेगा। इसके लिए मैं डी.जी.पी. अरोड़ा से मुलाकात भी करूंगा तथा मुझे उनसे पूरा सहयोग मिलने की भी उम्मीद है। 

प्र.: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के साथ बैठक के दौरान क्या दिशा निर्देश मिले?
उ. :
मुख्यमंत्री ने उन्हें नशों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं जिस पर तुरन्त अमल किया जाएगा। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह नशों पर रोक लगाना चाहते हैं तथा उनकी इच्छा है कि पंजाब को जल्द से जल्द नशा मुक्त बना दिया जाए। 

प्र. : एस.टी.एफ. में कौन-कौन सी कमियों को दूर करेंगे?
उ. :
एस.टी.एफ. के पूर्व चीफ हरप्रीत सिद्धू ने भी नशों पर रोक लगाने के लिए अच्छा कार्य किया है, फिर भी मुझे जो कमियां दिखाई देंगी उन्हें जल्द से जल्द दूर कर दिया जाएगा। सबसे बड़ी जरूरत इस समय पंजाब पुलिस तथा एस.टी.एफ. के बीच तालमेल बिठाने की है। 

प्र. : मैडीकल नशा भी पंजाब की एक अहम समस्या बनी हुई है?
उ. :
मैंने मुख्यमंत्री के सामने भी यह मामला उठाया है तथा उन्हें बताया है कि मैडीकल नशों की सप्लाई रुड़की व सहारनपुर की तरफ से पंजाब में हो रही है। इस पर रोक लगाने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।

प्र. : पंजाब को कब तक नशा मुक्त बना दिया जाएगा?
उ. :
नशों पर नियंत्रण पाने के लिए समयबद्ध एजैंडा एस.टी.एफ. के अन्य अधिकारियों को दिया जाएगा। इसके लिए सोमवार से ही कार्य शुरू होगा तथा जल्द से जल्द पंजाब में नशों का खात्मा कर दिया जाएगा। छोटे तस्करों को भी पंजाब से बाहर कर दिया जाएगा। 

प्र. : आपने आतंकवाद के दौर में भी कार्य किया है? आपको नई जिम्मेदारी में अधिक समस्या नहीं आने वाली है?
उ. :
आतंकवाद के दौरान काम करते हुए मुझे 5 बहादुरी के मैडल भारत सरकार की ओर से मिले हैं। देश में किसी भी पुलिस अधिकारी को मिले मैडलों में ये सर्वाधिक हैं। मैंने सीमावर्ती जिलों फिरोजपुर, गुरदासपुर, तरनतारन, अमृतसर आदि में भी कार्य किया है इसलिए नशों पर रोक लगाने के लिए मेरी पुरानी रणनीति भी कार्य करेगी।

प्र. : नशों की सप्लाई दिल्ली व अन्य राज्यों से भी होने की सूचनाएं मिली हैं?
उ. :
यह सही है कि दिल्ली व कुछ पड़ोसी राज्यों से भी नशों की सप्लाई पंजाब में हो रही है, इसके लिए पंजाब सरकार ने पहले ही मामला पड़ोसी राज्यों के सामने उठाया हुआ है। एस.टी.एफ. भी पड़ोसी राज्यों की एजैंसियों के साथ मिल कर कार्य करेगी। 

प्र. : अंत में आप क्या कहना चाहेंगे?
उ. :
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का मैं आभारी हूं, जिन्होंने मुझे अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। मुझे उम्मीद है कि मैं मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर पूरा खरा उतरूंगा। 

 

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