कृषि कानून पर मुख्यमंत्री लेंगे फैसला, 2 दिन का होगा सत्र

punjabkesari.in Monday, Oct 19, 2020 - 09:36 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): कृषि कानूनों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह आवश्यक वैधानिक या कानूनी फैसला लेंगे। मंत्रिमंडल ने किसानों के अधिकारों की रक्षा संबंधी कोई भी फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र से पहले कृषि कानूनों का मुकाबला करने के लिए रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। इससे पहले कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। कुछ दिन पहले किसान संगठनों द्वारा विशेष सत्र की मांग की तरफ इशारा करते हुए कहा कि कदम पहले नहीं उठाया जा सका था, क्योंकि सभी कानूनी पक्षों पर गहराई से विचार करना जरूरी था। अकालियों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस दोगली बातें नहीं करती और कृषि कानूनों संबंधी उनका स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है। उनके द्वारा प्रधानमंत्री को खत लिखने के बाद ही केंद्र सरकार द्वारा कृषि सुधारों बारे गठित समिति में पंजाब को शामिल किया गया। 

चिदम्बरम के साथ विचार-विमर्श
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती कानूनों का मुकाबला करने के लिए रणनीति को अंतिम रूप देने से पहले विधायकों, कानूनी माहिरों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। वरिष्ठ वकील व नेता पी. चिदम्बरम की सलाह ली जाएगी। 

विधायकों की राय, खारिज हो कृषि कानून
कांग्रेस के विधायकों ने सर्वसम्मति से राय जाहिर की कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को पूरी तरह से खारिज करना चाहिए और राज्य को न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे गेहूं या धान की फसल खरीदने वालों के लिए कैद सहित कड़ी कार्रवाई करने के लिए आवश्यक संशोधन किए जाने चाहिएं। यह संदेश स्पष्ट तौर पर दिए जाने की जरूरत है कि पंजाब कृषि कानूनों को स्वीकार नहीं करता।

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