संस्कार की चल रही थी तैयारियां, जिंदा हो उठा डाक्टरों की ओर से मृत घोषित बच्चा!

punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2020 - 10:12 AM (IST)

लुधियाना: डाक्टरों की ओर से मृत घोषित किए गए 5 साल के बच्चे के पुन: जिंदा हो उठने से घर वालों के चेहरे पर खुशी चमक उठी। इससे पूर्व परिजन बच्चे को मृत समझकर अंतिम संस्कार में जुटे हुए थे। घर वाले व लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं आंक रहे।

5 वर्षीय संदीप के पिता मुन्ना ने बताया कि उसके 4 बेटे हैं। संदीप सबसे छोटा है। वह एक फैक्टरी में मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा है। मुन्ना व संदीप के मामा सीताराम ने बताया कि संदीप पिछले दो-तीन दिन से बीमार चल रहा था। उसे उपचार के लिए गांव के डाक्टर ने लुधियाना में किसी अच्छे अस्पताल में दिखाने के लिए कहा। वे संदीप को पहले चैरीटेबल अस्पताल में ले गए, मगर वहां से मॉडल टाऊन में बच्चों के अस्पताल में रैफर कर दिया गया। वे लोग गरीब परिवार से संबंध रखते हैं व बच्चे के इलाज का खर्च उठाने में असमर्थ थे, इसलिए गांव के लोगों व एन.जी.ओ. ने प्राइवेट अस्पताल का खर्चा दिया। अस्पताल में बच्चे का उपचार चला, मगर रात को कहा गया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है। सुबह 11 बजे प्राइवेट अस्पताल के डाक्टरों ने उनसे कहा कि वे संदीप को नहीं बचा सके। उसके मरने की खबर सुनकर परिजनों का बुरा हाल हो गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

गांव वालों ने पैसे एकत्र कर संदीप के अंतिम संस्कार की तैयारियां आरंभ कर दीं। जैसे ही संदीप के मामा व पिता उसे गांव लेकर पहुंचे तो देखा कि उसकी सांसें चल रही थीं। वे उसे तुरंत ही कैंसर अस्पताल शेरपुर ले गए, जहां डाक्टरों ने उसका उपचार शुरू कर दिया। दोपहर के बाद डाक्टरों ने संदीप की नाजुक हालत को देखते हुए उसे चंडीगढ़ पी.जी.आई. रैफर कर दिया। उसे एंबुलैंस द्वारा चंडीगढ़ ले जाया गया है। उधर, मॉडल टाऊन के प्राइवेट अस्पताल के प्रबंधकों व डाक्टरों ने कहा कि परिवार की ओर से लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। उन्होंने तो संदीप की गंभीर हालत को देखते हुए किसी बड़े अस्पताल में ले जाने के लिए कहा था। उन्होंने उसे मृत घोषित नहीं किया था। उपचार के दौरान संदीप की हालत नाजुक थी वह मृत नहीं था। वहीं मोती नगर के थाना प्रभारी वरुणजीत सिंह ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई शिकायत या मामला नहीं आया है। शिकायत आई तो कार्रवाई की जाएगी।

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