पतंग उड़ाते समय बरतें ये सावधानियां, जाने चाइनीज डोर से बने मांझे के नुक्सान
punjabkesari.in Tuesday, Jan 19, 2021 - 04:52 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): होशियारपुर व आसपास के कस्बों व गांवों में मकर संक्रांति के बाद इन दिनों लोगों में पतंगबाजी का शौक सर चढ़ कर बोल रहा है। पतंगों से पेंच लड़ाए जा रहे हैं। पतंग से लोग आसमान छूना चाहते हैं, लेकिन ये शौक केवल इंसानो पर ही नहीं बल्कि बेजुबान पक्षियों की जान की आफत बना हुआ है। पतंगबाज अपने शौक के खातिर अपनी करतब दिखाने के लिए छतों पर चढ़ जाते हैं तथा एक दूसरे को हराने के लिए चाईना डोर का इस्तेमाल करते हैं। यही चाईना डोर जब बिजली व टेलीफोन के पोल, मोबाईल टावर, घंटाघर व पेडों पर उलझकर जाल का रुप धारण कर लेता है। इस उलझे जाल की चपेट में आने से रोजाना बेजुवान परिंदों की जान जा रही है पर इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा।
परिंदों के तड़प तड़पकर दम तोड़ते देख भी पतंगबाजी के शौक से नहीं करते परहेज
युुवाओं का पतंगबाजी का शौक निरीह परिंदों की जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। पेड़ों पर अटके पतंग के मांझे में फंसकर परिंदों की जान जा रही है। परिंदों को तड़प तड़पकर दम तोड़ते देखकर पक्षी प्रेमी लोग पतंगबाजी न करने की अपील कर रहे हैं लेकिन इसकी कोई परवाह नहीं कर रहे। होशियारपुर के युवाओं में पतंगबाजी का शौक पुराना है। इसके लिए खतरनाक मांझे का भी प्रयोग किया जाता है।
लहुलुहान हो गिरते पक्षी बन जाते हैं कुत्ते व बिल्लियों का निवाला
जिला प्रशासन व पुलिस की तरफ से बार बार चेतावनी देने के बाद भी बाजार में चोरी छिपे चाईना डोर की बिक्री हो रही है। पतंगों का मांझा पेड़ों पर एक जाल की तरह उलझ जाता है। इन मांझों में आए दिन पक्षी बैठने की कोशिश करने के दौरान उसके पंख, पंजा या गर्दन जख्मी हो जाते हैं। कई पक्षी उड़ती हुई इन चाईना डोर में उलझ लहुलुहान होकर सडक़ पर गिर जाते हैं जो बाद में कुत्ते व बिल्लियों के आसान शिकार हो जाते हैं। इस स्थिति को देखकर कुछ पर्यावरण प्रेमी परेशान हैं।
पतंगबाजी में चाइनीज डोर से बने मांझे के क्या है नुक्सान
चाइनीज डोर से तैयार मांझे का इस्तेमाल करने से कई तरह से नुक्सान होता है। इस मांझे का इस्तेमाल करते समय इसके धागे के स्पर्श में अगर कोई पंछी या अन्य कोई वस्तु आ जाए तो यह उसे काटकर घायल कर देता है। कभी-कभी तो यह जानलेवा भी साबित हो जाता है। चाइनीज का इस्तेमाल करते समय जरा सा टकराव होने पेर यह उंगली, हथेली समेत किसी भी हिस्से को काटकर घायल कर देता है।
आखिर क्या है पतंगबाजी के शौक में चाईना डोर की मांग
पतंगबाजी का मजा लेने वाले बच्चे व बड़े आपस में पतंग को लड़ाकर उसका मजा लेेते हैं। पतंग लड़ाने के लिए लोग डोर को कटने से बचाने के लिए मजबूत धागे के लिए चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करते हैं। यह मांझा सादे धागे के मुकाबले सस्ता और मजबूत होता है। इस कारण इसकी मांग ज्यादा रहती है। डिमांड के कारण दुकानदार प्रतिबंध के बावजूद भी चोरी छिपे बेचते हैं।
कैसे करें नुक्सानदायक चाइनीज मांझे की पहचान
चाइनीज मांझे का धागा रेशम का होता है। इस धागे पर कांच का पाउडर लगाकर इसे चमकदार बनाया जाता है। इसका धागा टूटता नहीं, बल्कि खिंचता है।
पतंग उड़ाते समय बरतें ये सावधानियां
बाजार से चाइना की डोर के बजाए सामान्य धागे का मांझा खरीदें। यह बिल्कुल खतरनाक नहीं होता और न ही इतना पक्का होता कि किसी से उलझने पर उसे घायल कर दे। अभिभावक अपने बच्चों को चाइनीज की डोर से दूर रखें और इससे होने वाले खतरे से अवगत कराएं। बच्चों को अपनी मौजूदगी में पतंग उड़वाएं और ध्यान रखे कि वे किस मांझे का प्रयोग कर रहे हैं। पतंग के कहीं उलझने या टकराने पर उसे खींचने की कोशिश न करें, इससे संबंधित वस्तु को नुकसान होने के साथ ही खुद के हाथ में भी चोट लग सकती है। सुरक्षित स्थान पर खड़े रहकर पतंग उड़ाएं। पतंग उड़ाते समय यह ध्यान रखे कि मांझा किसी अन्य को स्पर्श न करें।
पक्षियों व पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी आए सामने
शहर के पक्षी व पर्यावरण प्रेमी युवाओं से चाईना डोर वाली ही नहीं बल्कि पतंगबाजी न करने की भी अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि पक्षी पर्यावरण के रक्षक हैं। पहले ही खेतों मे कैमिकल छिडक़ाव और मोबाइल टावर से निकलने वाली रेज के कारण इनकी संख्या में कमी आयी है। ऐसे में पेड़ों पर जगह जगह अटका पतंग का मांझा पक्षियों के लिए खतरा बना हुआ है। हमें पक्षियों और पर्यावरण की रक्षा के लिए पतंगबाजी को रोकना होगा।