सी.आई.एस.एफ. को छह केंद्रीय जेलों की सुरक्षा का जिम्मा

punjabkesari.in Thursday, Jul 05, 2018 - 09:23 PM (IST)

खन्ना,(कमल): पंजाब के जेल और सहकारिता विभाग के कैबिनेट मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा कि सूबे की छह केंद्रीय जेलों की अंदरूनी सुरक्षा का जिम्मा एक हफ्ते में सी.आई. एस.एफ. (केंद्रीय सुरक्षा बल) को सौंप दिया जाएगा। इस संबंधी केंद्रीय ग्रह मंत्रालय की तरफ से सूचना भेजी है कि एक हफ्ते में यह सुरक्षा बल पंजाब की इन जेलों में ड्यूटी ज्वाइन कर लेंगे।

आज गांव रब्बों ऊंची में आजादी संग्राम के पहले शहीद बाबा महाराज सिंह के 162वें शहादत दिवस के मौके पर राज्य स्तरीय समागम में शिरकत करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते रंधावा ने कहा कि इन जेलों में घोर खतरनाक अपराधियों और गैंगस्टरोंं को रखा हुआ है, जिन की पुख्ता सुरक्षा के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि जेलों की बाहरी सुरक्षा पंजाब पुलिस के हाथ ही रहेगी। जेलों में बंद व्यक्तियों में फैले नशों बारे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कैदियों को नशों की आदत से मुक्त कराने के लिए जेलों में और ज्यादा मनोवैज्ञानियों की ड्यूटी समेत योगा क्लासों का विस्तार किया जा रहा है जिससे कैदियों को नशों की लत से हटाकर तंदरुस्त जीवन की तरफ मोड़ा जा सके।

पत्रकारों की तरफ से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की तरफ से अनुसूचित जातियों, जन जातियों और अल्पसंख्यकों के साथ संबंधित 2.5 लाख भूमि रहित परिवारों को कर्ज राहत योजना अधीन लाभ देने का प्रस्ताव है। ऐसे परिवार जो सहकारी सभाओं के सदस्य हैं, को 25 हजार रुपए तक की कर्ज राहत दी जाएगी। इस संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। उन्होंने प्रदेश के लोगों खासकर औरतें से अपील की कि वह नशों की सामाजिक बुराई को जड़ें ख़त्म करने के लिए आगे आएं और पंजाब सरकार का सहयोग करें। 

इससे पहले राज स्तरीय समागम को संबोधन करते रंधावा ने कहा कि देश की एकता और अखंडता को बनाई रखने के लिए आज समय की जरूरत है कि देश के आजादी संग्राम में कीमती योगदान डालकर पहले सिख शहीद का रुतबा हासिल करने वाले भाई महाराज सिंह की तरफ से दिखाए रास्ते पर चला जाए। उन्होंने कहा कि आजादी प्राप्त करनी आसान है, परन्तु इस को बरकरार रखना बहुत कठिन है। बाबा महाराज सिंह जैसी देश भक्त सख्शियतों ने देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

उन्होंने कहा कि यह सिख समुदाय और देश की बदकिस्मती ही थी कि बाबा महाराज सिंह की तरफ से अपने साथियों के साथ मिलकर बनाई योजना का अंग्रेस हुकूमत को पता लग गया और उन्होंने बाबा महाराज सिंह जी को कैद करके सिंगापुर भेज दिया और लाखों कष्ट दिए, जिस के नतीजे के तौर पर उनकी 5 जुलाई, 1856 को वहीं ही शहादत हो गई। बाबा महाराज सिंह ने अपने जीवन दौरान अंग्रेजों विरुद्ध विभिन्न गुटों को इकट्ठे करने पर बहुत जोर लगाया।

 

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