शहर के Printers गलती करने से पहले पढ़ लें यह खबर, नहीं तो होगी सीधी FIR
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 10:25 AM (IST)
जालंधर (खुराना): शहर में अवैध विज्ञापनों की बढ़ती भरमार और नगर निगम की एडवर्टाइजमैंट ब्रांच की लापरवाही के चलते लंबे समय से जालंधर की सूरत बिगड़ रही थी। मेयर विनीत धीर के निर्देशों के तहत निगम प्रशासन द्वारा शहर के चौराहों और ग्रीन बेल्टों का ब्यूटीफिकेशन अभियान तो जारी है, लेकिन इसके बावजूद अवैध होर्डिंग्स और बैनरों ने इस सुंदरता को बिगाड़कर रख दिया है। कई ऐसे चौराहे, जिन्हें हाल ही में सजाया-संवारा गया है, वहां भी भारी संख्या में अवैध बोर्ड और बैनर लगे दिखाई दे रहे हैं।
इसी स्थिति को देखते हुए मेयर विनीत धीर और निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने कठोर निर्णय लेते हुए साफ निर्देश जारी किए हैं कि अब शहर के किसी भी चौक पर अवैध विज्ञापन लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कहीं भी अवैध बैनर या होर्डिंग लगाए पाए गए तो उन्हें प्रिंट करने वाले प्रिंटर पर सीधे एक्शन लिया जाएगा और उसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
निगम की एडवर्टाइजमैंट ब्रांच के सुपरिंटैंडैंट मनदीप सिंह मिट्ठू ने बताया कि अवैध विज्ञापनों को हटाने का अभियान शुरू कर दिया गया है और आने वाले दिनों में शहर को पूरी तरह साफ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चौराहों पर किसी भी तरह के बैनर, होर्डिंग या बोर्ड लगाने की अब बिल्कुल अनुमति नहीं होगी। अब यह भी देखने वाली बात होगी कि पंजाब सरकार द्वारा समय-समय पर लगाए जाने वाले आधिकारिक विज्ञापनों को चौराहों पर अनुमति मिलेगी या नहीं। इस पर भी शहर में चर्चा तेज है।
लाखों की संख्या में लगे हैं कागज के पोस्टर
शहर में इस समय लाखों की संख्या में कागज के अवैध पोस्टर लगे हुए हैं, जो शहर की सुंदरता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं। माना जा रहा है कि क्रिसमस के नजदीक आते ही ऐसे पोस्टरों की संख्या और भी तेजी से बढ़ जाती है। पिछले समय निगम ने शहर के प्रिंटर्स को बुलाकर अवैध पोस्टर और बैनर छापने पर कड़ी चेतावनी दी थी। लेकिन प्रिंटर्स का कहना है कि कई संस्थाओं ने अपने परिसर के अंदर ही प्रिंटिंग मशीनें लगा रखी हैं, ऐसे में निगम उनके खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई करेगा, यह बड़ा सवाल है। शहरवासी उम्मीद कर रहे हैं कि निगम के इस फैसले से बेतहाशा विज्ञापन बाजी पर रोक लगेगी और जालंधर की सुंदरता एक बार फिर निखर सकेगी। वैसे एक बार पूर्व मेयर सुनील ज्योति ने ऐसे आदेश निकाले थे जिन पर लंबे समय तक अमल भी हुआ था।
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