सिविल अस्पताल फिर बना मैदान-ए-जंग, मरीजों में मचा कोहराम

punjabkesari.in Saturday, Apr 23, 2022 - 11:56 AM (IST)

फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा का मुख्य सरकारी सिविल अस्पताल बीती देर रात एक बार फिर तब जंग का खुला अखाड़ा बन गया जब ड्यूटी पर तैनात सरकारी डॉक्टर और पैरामेडिकल के साथ आपसी किसी बात को लेकर मारपीट मामले में शामिल छात्रों की एक टोली ने देखते ही देखते मारपीट करनी शुरू कर दी। ऐसा होने के बाद खुद का बचाव कर रहे सरकारी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा भी इसका जवाब दिया गया और मामला दोनो गुटो में मारपीट में तबदील हो गया। इसी दौरान सिविल अस्पताल में खुलेआम हो रही मारपीट को देख अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों में कोहराम मच गया और दहशत भरे हालात में चारों तरफ अफरा-तफरी फैल गई जहां हर कोई अपना बचाव करने लगा। 

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सिविल अस्पताल में हुए इस पूरे मामले की तस्वीरें और वीडियो सी.सी.टी.वी. कैमरों में कैद है। मारपीट का शिकार बने सरकारी डॉक्टर द्वारा घटना की शिकायत आरोपियों के खिलाफ कड़ी पुलिस कारवाई करने हेतु फगवाड़ा पुलिस को लिखित में दी गई है लेकिन खबर लिखे जाने तक पुलिस की कार्रवाई शून्य है। पंजाब केसरी से बात करते हुए सिविल अस्पताल फगवाड़ा के इंचार्ज एस.एम.ओ. डॉ. लेहम्बर राम ने घटी घटना की अधिकारिक स्तर पर पुष्टि करते हुए बताया कि संबंधित सरकारी डॉक्टर द्वारा पुलिस चौकी चहेड़ू में शिकायत की गई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ड्यूटी पर तैनात सरकारी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की इस तरह मारपीट में शामिल छात्रों के एक समूह ने बिना किसी बात के मारपीट की है।

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उन्होनें बताया कि फगवाड़ा सिविल अस्पताल में सरकारी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस द्वारा की गई व्यवस्था बेहद कमजोर है और रात के समय अस्पताल में केवल एक पुलिसकर्मी ही मौजूद रहता है। उन्होंने कहा कि इस हकीकत को लेकर भी उन्होंने कई बार सरकारी स्तर पर फगवाड़ा पुलिस सहित जिला कपूरथला के एस.एस.पी. कार्यालय से गुहार लगाई है कि सिविल अस्पताल में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, लेकिन हर बार पुलिस अधिकारियों द्वारा कहा जाता है कि पुलिसकर्मियों की कमी के चलते वह सिविल अस्पताल में अधिक पुलिस कर्मचारियों की तैनाती नहीं कर सकते है?  सिविल अस्पताल फगवाड़ा में हुए इस मामले की पुलिस द्वारा खबर लिखे जाने तक जांच की जा रही थी। आन रिकार्ड पुलिस द्वारा किसी भी पक्ष के खिलाफ आधिकारिक तौर पर कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की गई है। उल्लेखनीय है कि फगवाड़ा सिविल अस्पताल पहले भी इसी तरह कई बार युद्ध का मैदान बन चुका है और अब यहां इस तरह की घटनाओं का होना आम बात हो गई है।

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News Editor

Urmila