गर्भवती महिलाओं को बढ़िया इलाज देने में फेल साबित हो रहा है सिविल अस्पताल
punjabkesari.in Monday, Nov 29, 2021 - 04:36 PM (IST)

जालंधर (शौरी): एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल दावा करते हैं कि दिल्ली में आम लोगों को सरकारी अस्पतालों में बढ़िया सुविधा सरकार प्रदान करवाई जा रही है और पंजाब में 'आप' की सरकार बनने पर यहां भी बढ़िया सुविधा लोगों को दी जाएगी। दूसरे तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी दावा करते हैं कि पंजाब में दिल्ली से बेहतर सेहत सुविधा सरकारी अस्पतालों में लोगों को मिल रही हैं परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और है।
टॉयलेट के बाहर जमा पानी मच्छरों के लिए स्विमिंग पूल
हमारे पत्रकारों ने सिविल अस्पताल के जच्चा-बच्चा अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड और लेबर वार्ड (जहां गर्भवती महिलाओं की डलिवरी होती है) का दौरा किया तो हालात हैरान करने वाले थे। वार्ड के बाहर औरतों के लिए बने टॉयलेट में साफ-सफाई दूर-दूर तक देखने को नहीं मिल रही थी। टॉयलेट के बाहर पानी जमा था, जो कि मच्छरों के लिए स्विमिंग पुल है। काफी संख्या में मच्छर यहां भिनभिनाते दिखाई दे रहे थे। काफी दिनों से पानी जमा है और जिसको साफ तक नहीं किया गया।
स्टाफ ने साफ टॉयलेट को लगा दिया ताला
गर्भवती महिलाओं के लिए बने वार्ड अंदर बने टॉयलेटों की हालत दयनीय है। टॉयलेटों में गंदगी फैली हुई है। वार्ड में से इतनी बदबू आती है कि तंदरुस्त व्यक्ति भी बिमार हो जाए। बतानेयोग्य है कि अस्पताल के मैडीकल सुपरिटेंडेंट भी इस वार्ड का कई बार दौरा कर चुके हैं परन्तु इन दौरों का भी खौफ सफ़ाई कर्मचारियों को नहीं है। वार्ड के बाहर कैंटीन के साथ बनीं साफ टॉयलेटें, जो कि लोगों के लिए बनाई गई थी, को प्राईवेट सुरक्षा कर्मचारियों ने ताला लगा दिया है क्योंकि स्टाफ की नर्सें इनका प्रयोग करती हैं और वह नहीं चाहतीं कि आम लोग इनका प्रयोग करे।
बड़ी लापरवाही: सी.सी.टी.वी. कैमरे खराब, कहीं दोबारा कोई नवजात बच्चा उठाकर न ले जाए कोई
लेबर वार्ड के बाहर मुख्य दरवाजे पर लगे सी.सी.टी.वी. कैमरे ही गायब हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले इस वार्ड में एक गर्भवती महिला की डलिवरी होने के बाद उसके नवजात बच्चे को कोई औरत उठाकर भाग गई थी। इसके बाद काफी हंगामा हुआ है। बात थाना नं. 4 की पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू की तो उस दौरान भी इस वार्ड के बाहर सी.सी.टी.वी. कैमरा न होने के कारण केस ट्रेस होने में काफ़ी दिन लग गए। इसके बाद मौजूदा मैडीकल सुपरिटेंडेंट ने मामले को गंभीरता के साथ लेने के बाद वार्ड के प्रविष्टि गेट पर सी.सी.टी.वी. कैमरे लगवाए परन्तु कैमरे खराब होने के कारण दोबारा कैमरे लगवाने का कष्ट किसी ने नहीं उठाया। एक स्टाफ नर्स ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि यदि कल को कोई दोबारा किसी नवजात बच्चे को उठाकर ले गया तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? वह कई बार मैडीकल सुपरिटेंडेंट के दफ्तर में कह चुके हैं कि कैमरे लगवाए जाए परन्तु उनकी कोई सुनवाई ही नहीं हो रही। इस संबंधी मैडीकल सुपरिटेंडेंट डा. सीमा के साथ बात-चीत करने के लिए उन्हें फोन किया गया तो उन्होनें फोन ही नहीं उठाया।
बधाई आपके घर बेटा हुआ है, दो बधाई
यह बात किसी के पास से छिपी हुई नहीं है कि डिलीवरी के बाद औरतों के पारिवारिक सदस्यों के पास से स्टाफ धक्के के साथ बधाई ले लेता है। कुछ साल पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जब महिला की डिलीवरी हुई तो स्टाफ ने कहा कि बधाई हो आपके घर बेटा पैदा हुआ है, दो बधाई। एक स्टाफ मैंबर बधाई ले कर चली गई तो दूसरी ने नवजात बच्चा पारिवारिक सदस्यों के हवाले किया तो पता लगा कि बच्चा बेटा नहीं बल्कि बेटी है। बाद में पता लगा कि बधाई लेने के चक्कर में स्टाफ ने झूठ बोला था। उसके बाद वार्ड अंदर पोस्टर लगा दिए गए थे कि बधाई मांगने वालों की शिकायत इन नंबरों पर करो परन्तु किसी भ्रष्टाचारी स्टाफ मैंबर ने पोस्टर ही उतार दिए। अस्पताल के सूत्रों से पता लगा है कि दोबारा बधाई मांगने का सिलसिला फिर शुरू हो चुका है।
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