हाल-ए-सिविल अस्पताल: अंधेरे में रहते हैं वार्ड, स्टाफ गंदे पानी के पास बैठने को मजबूर

punjabkesari.in Monday, Dec 16, 2019 - 10:59 AM (IST)

जालंधर(शौरी): सिविल अस्पताल में कई मैडीकल सुपरिंटैंडैंट आए और कई चले गए लेकिन अस्पताल के ऐसे हालात शायद ही कभी देखने को मिले होंगे। वैसे तो अस्पताल का शायद ही कोई ऐसा वार्ड हो जहां मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। 

बात करें अस्पताल के हड्डियों वाले वार्ड की तो वार्ड का दौरा करके ही पता चल जाता है कि वार्ड के क्या हालात हैं। वार्ड के ग्राऊंड फ्लोर पर लगी ट्यूब लाइटें मकड़ी के जालों से भरी पड़ी हैं, वार्ड में इतना अंधेरा है कि शाम ढलते ही लोगों को अपने मोबाइल फोन की लाइट जगाकर वार्ड के भीतर या बाहर निकलना पड़ता है। एक स्टाफ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शरारती लोग अंधेरे का फायदा उठाकर नॄसग की छात्राओं से छेडख़ानी भी करते हैं। कई बार मैडीकल सुपरिंटैंडैंट आफिस में कहा कि लाइटें लगवा दो, पर कोई सुनवाई नहीं हुई। वोट बैंक को पक्का करने के लिए अकाली-भाजपा सरकार ने कुछ साल पहले ही अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों के लिए फ्री उपचार के आदेश जारी किए थे जिसके बाद से ही अस्पताल का अपना खजाना खाली होने लगा। 

मरीज भी समझें अपनी जिम्मेदारी
अस्पताल प्रशासन तो अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो चुका है लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। करोड़ों की लागत से बने जच्चा-बच्चा अस्पताल की बिल्डिंग की खिड़कियों से मरीजों द्वारा काफी समय से कूड़ा-कर्कट बाहर फैंका जा रहा है जिस कारण वहां कूड़े का डम्प लग चुका है जिससे बदबू फैल रही है। अस्पताल प्रशासन भी इस कूड़े के डम्प को उठाने में फेल साबित हो चुका है। अस्पताल में आने वाले लोगों को भी चाहिए कि गंदगी न फैलाएं और कूड़ा-कर्कट को डस्टबिन में ही डालें। 

लीकेज के कारण घायल हो रहे लोग
हड्डियों वाले वार्ड की बिल्डिंग से पाइप लीकेज के कारण ग्राऊंड फ्लोर पर टी.बी. वार्ड के पास गंदा पानी जमा हो रहा है जिस कारण फर्श में फिसलन होने के कारण लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। अस्पताल में मरीजों को तो परेशानी का सामना करना पड़ ही रहा है साथ ही अस्पताल में तैनात स्टाफ भी परेशान है। पानी लीकेज के कारण हड्डियों वाले वार्ड में स्टाफ रूम के पास भी पानी जमा हो रहा है और बदबू से स्टाफ भी परेशान है। कई दिनों से यह समस्या बरकरार है लेकिन कोई सुनवाई नहीं है।

गर्मी में हवा को तरसे, सर्दी में ठंड से ठिठुरे
सिविल अस्पताल के हड्डियों वाले वार्ड में उपचाराधीन मरीज गर्मी में हवा के लिए तरसते रहे और सर्दी में ठंड से ठिठुर रहे हैं क्योंकि गर्मियों में वार्ड में पंखों की हवा नहीं मिलती और अब सॢदयों में अस्पताल प्रशासन द्वारा खिड़कियों पर पर्दे तक नहीं लगाए गए तथा शीशे टूटे होने के कारण ठंडी हवा सीधी वार्ड में आती है। हालांकि लोगों द्वारा खिड़कियों के टूटे शीशों वाली जगह को गत्तों से ढककर हवा रोकने का जुगाड़ किया गया है। मरीजों को अस्पताल स्टाफ की तरफ से गर्म कम्बल भी नहीं दिए गए हैं। लोग अपने घरों से कम्बल लाने को विवश हो रहे हैं। 

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