कोरोना के खिलाफ जंग जीत कर घरों को लौटे योद्धा बोले- ‘डरें नहीं, शांत रहें, जीत आपकी ही होगी’

punjabkesari.in Wednesday, Apr 29, 2020 - 08:17 AM (IST)

जालंधर (रत्ता): सिविल अस्पताल जालंधर से कोरोना के 3 मरीज ठीक होकर अपने-अपने घरों को वापस पहुंचे। नया जीवन पाकर उक्त सभी मरीज और उनके परिजन बेहद खुश हैं। कोरोना को हराकर अपने घर लौटने वाले हरेक मरीज ने उनकी सेवा करने वाले चिकित्सकों, नर्सों, प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है। इन तीनों मरीजों की कोरोना रिपोर्ट मंगलवार को नैगेटिव आने के बाद तमाम औपचारिकताएं पूरी करने और कुछ मैडिकल दिशा-निर्देश के साथ इन्हें छुट्टी दे गई। 

पंजाब केसरी के साथ बातचीत में इन लोगों ने बताया कि सुनते थे कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है, लेकिन आज उन्होंने दर्शन भी कर लिए। उनके लिए डॉक्टर सचमुच भगवान है, जिन्होंने इस मुश्किल की घड़ी में बेहतर इलाज के साथ-साथ उनका हौंसला भी बढ़ाया। इसके साथ ही इन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई लडऩे का एक मात्र तरीका है कि डरें नहीं, शांत मन से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ें तथा अपनी बॉडी के इम्युन सिस्टम को बढ़ाने के लिए खूब स्वस्थवर्धक खाना खाएं। संवाददाता के साथ कोरोना के खिलाफ जंग जीतने वाले योद्धाओं की बातचीत के अंश:-

निजी अस्पतालों से बेहतर देखभाल सिविल अस्पताल में : जसवीर सिंह
कोरोना के खिलाफ जंग जीतने वाले राजा गार्डन के रहने वाले जसवीर सिंह ने बताया कि सिविल अस्पताल में कोरोना के मरीजों का बहुत ही अच्छे तरीके से ध्यान रखा जाता है। एक समय तो मुझे ऐसा लगा था कि शायद मैं नहीं बच पाऊंगा लेकिन डॉक्टरों के बेहतर इलाज और हौसला बढ़ाने से उसका डर दूर हो गया और आज वह स्वस्थ होकर घर पहुंच गए हैं। इलाज के बारे में बात करते हुए जसवीर सिंह ने कहा कि सिविल अस्पताल में निजी अस्पतालों से भी बेहतर मरीजों का ध्यान रखा जाता है।  समय पर दवाई दी जाती है और समय पर खाना। इलाज के दौरान उन्हें किसी प्रकार की किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। डर पर काबू पाने से आप कोई लड़ाई चाहे वह कोरोना के खिलाफ हो या कैंसर के खिलाफ जीत सकते हैं। 

डॉक्टरों ने खूब बढ़ाया हौसला: बाग अली हुसैन
मुझे किसी तरह को कोई लक्ष्ण महसूस नहीं हो रहा था, बस मामूली सा बुखार होने पर टैस्टों से पता चला कि कोरोना का मरीज है और उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। 2 सप्ताह से ज्यादा समय तक सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने मेरा खूब हौसला बढ़ाया। दिन में 3 बार डॉक्टर जांच तो करते ही थे, इसके साथ-साथ हर 2 घंटे बाद नर्सें उनका हालचाल पूछती रहती थी।   

डर को हावी नहीं होने दें: विश्व शर्मा
किसी व्यक्ति का कोरोना वायरस संक्रमित हो जाना मरीज के साथ-साथ उसके परिवार के लिए बहुत बड़ी ङ्क्षचता का विषय है लेकिन यदि हम हौसला छोड़ देंगे तो कोई भी जंग जीतनी मुश्किल है। मुझे जब पता चला कि मेरी कोरोना की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है तो मुझे अपने शरीर में कोई लक्षण महसूस नहीं हो रहे थे। सिविल अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों और पैरामैडीकल स्टाफ ने मेरा हौंसला बढ़ाया और कहा कि इससे बिलकुल घबराना नहीं है, सब ठीक हो जाएगा। दिन में टाईम-टाईम पर डॉक्टर चैक करते थे। समय पर खाना दिया जाता था। सच कहो तो डाक्टर भगवान है।

 

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