जत्थेदार को अपना प्रवक्ता न बनाएं, खालिस्तान पर अपना स्टैंड स्पष्ट करे बादल परिवार: जी.के.

punjabkesari.in Tuesday, Jun 16, 2020 - 09:05 AM (IST)

नई दिल्ली(ब्यूरो): खालिस्तान के मसले पर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा कल मीडिया को जारी किए गए बयान के जरिए दी गई स्पष्टता को जागो पार्टी ने गैर-जरूरी बताया है। साथ ही, बादल परिवार द्वारा खुद चुप रहकर अपने सियासी एजैंडे की पूर्ति के लिए जत्थेदार को बार-बार आगे करने को गलत भी बताया है।

जागो पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. ने कहा कि जत्थेदार साहिब कौम की आवाज हैं, उनका इस्तेमाल बादल परिवार को अपने पार्टी प्रवक्ता के तौर पर करने से संकोच करना चाहिए। अकाली दल के बड़े नेताओं को स्पष्ट करना चाहिए कि वे खालिस्तान के समर्थक हैं या विरोधी, क्योंकि जत्थेदार साहिब तो गुरबाणी के फलसफे तथा कौमी दर्द को बयान कर रहे हैं, जबकि अकाली दल उनके बयानों में अपना नफा-नुक्सान सरकारी फायदों की टोकरी में तोल रहा है। यही कारण है कि एक तरफ अकाली दल केंद्र सरकार में भागीदार है और दूसरी तरफ सिख व पंजाब के मसलों को हल करवाने की अकाली मंत्री की गंभीरता संदिग्ध है। जी.के. ने ऑप्रेेशन ब्लू स्टार से संबंधित विदेशी सहायता के दस्तावेज बाहर निकलवाने के लिए केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल से अपील करते हुए कौमी मसलों पर अकाली प्रतिनिधि को चौकस रहने की नसीहत भी दी।

इंगलैंड के बाद अब इसराईल द्वारा ऑप्रेशन ब्लू स्टार में भारतीय फौज को सहयोग देने की जानकारी देते हुए जी.के. ने बताया कि पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जून 1984 में भारतीय फौज द्वारा श्री दरबार साहिब पर किए गए हमले के समय 6 जून को रात 10.30 बजे भारतीय फौज की 56वीं कमांडो कंपनी के जो कमांडो श्री दरबार साहिब परिसर में दाखिल हुए थे, उन्होंने 1983 में ऐसे ऑप्रेशन करने की ट्रेनिंग इसराईल की खुफिया एजैंसी मोसाद से ली थी। इन्हें तब तक ‘स्पैशल ग्रुप’ के तौर पर जाना जाता था, लेकिन इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने इन्हें गांधी परिवार की सुरक्षा में ‘स्पैशल प्रोटैक्शन ग्रुप’ (एस.पी.जी.) बनाकर लगाया था। जी.के. ने कहा कि इससे साफ लगता है कि इंदिरा गांधी ने ऑप्रेशन ब्लू स्टार की तैयारी 1983 में कर ली थी, जिसके लिए बकायदा इंगलैंड और इसराईल से मदद भी ली गई थी। यह बहुत बड़ा खुलासा है, इसलिए मोदी सरकार में बैठी बादल परिवार की बहू को मंत्री होने के नाते ये सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने चाहिएं, क्योंकि इन दस्तावेजों से साफ हो जाएगा कि इंदिरा गांधी ने चुनावी फायदे के लिए सिखों के पवित्र स्थान में बिना जरूरत के फौज का इस्तेमाल किया था।

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