कांग्रेस में घमासान के बीच मंत्रिमंडल में हो रहे बदलाव पर टिकी नजरें
punjabkesari.in Wednesday, May 12, 2021 - 12:41 PM (IST)
चंडीगढ़(अश्वनी कुमार): पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच आम राय यह है कि सब अपनी-अपनी स्थिति तय करने में जुटे हैं। कोई मंत्रिमंडल में बदलाव पर आंख टिकाए बैठा है तो कोई मुख्यमंत्री की कुर्सी को हिलाने की कोशिश में जुटा है। कांग्रेस पार्टी के स्तर पर एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक मौजूदा स्थिति में धड़ों में बंटे हुए चेहरों को उंगलियों पर गिना जा सकता है। ऐसी स्थिति तब भी पैदा हुई थी जब मुख्य सचिव के साथ बैठक में अफसरशाही और नेताओं के बीच तनातनी का माहौल बना था।
बेशक अब बेअदबी-गोलीकांड मामले को उठाया जा रहा है लेकिन बगावत की कहानी वही पुरानी है। अब जब मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं का दौर चला है तो कुछ नए धड़े भी बैठकों में जुटे हैं ताकि जब मंत्रालय बंटें तो एक की बजाय दो या उनके चहेतों को मंत्रालय मिले। खींचतान तो डिप्टी चीफ मिनिस्टर का पद को लेकर भी है। वरिष्ठ नेता के मुताबिक आज जो स्थिति है वह यह है कि न खंजर उठेगा, न तलवार तुम से, यह बाजू हमारे आजमाए हुए हैं। हालांकि उन्होंने यह बात स्पष्ट करते हुए कहा कि बेअदबी-गोलीकांड का मामला ङ्क्षचता का विषय है। यह पंजाब की जनता से जुड़ा मसला है, राजनीति भुनाने का मसला नहीं है। अगर सब हकाकत में गंभीर होते तो यह कुछ नेताओं की बैठक न होती बल्कि सभी विधायकों की बैठक होती। आज जो बैठकें हो रही हैं उनका अपना नजरिया है और अपना अंदाज है। इसमें हर कोई अपनी स्थिति तय करने में जुटा है।
मंत्री चन्नी ने सहयोगी नेताओं के साथ की बैठक
गत कुछ दिन से कांग्रेसी मंत्रियों, विधायकों व सांसदों की गुप्त बैठकों के बीच मंगलवार को मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी एक बैठक की। इस बैठक में 12 दलित विधायकों व दो मंत्रियों ने भाग लिया जिनमें विधायक राजकुमार वेरका भी शामिल रहे। चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार को रंधावा के घर हुई बैठक में भी शामिल थे। मंगलवार को हुई बैठक को लेकर राजकुमार वेरका ने कहा कि यह एक पारिवारिक बैठक थी जिसमें अनुसूचित जाति व पिछड़े वर्ग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। यह किसी के खिलाफ की गई बैठक नहीं है। उधर, राजनीतिक विशेषज्ञ इस बैठक के अलग मायने बताते हैं। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुख्यमंत्री के साथ अंदरखाते नाराजगी किसी से छुपी नहीं है। पूर्व चीफ सचिव के साथ हुई बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी ऐसे मंत्री थे जिन्होंने प्रमुखता से सरकार पर हावी अफसरशाही को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। तब मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। तब यह बात चर्चा में थी कि चन्नी के पुराने ट्वीट मामले को दोबारा खोलने की बात कही गई, जिस पर चन्नी ने काफी तीखे तेवर दिखाए। हालांकि बाद में यह मामला दब गया लेकिन अब बेअदबी-गोलीकांड मामले को लेकर चन्नी एक बार फिर बगावती बैठकों में शामिल हो रहे हैं।\
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