दुकान खाली कराने पहुंचे अदालत के कर्मियों व दुकानदारों में झड़प

punjabkesari.in Saturday, Jul 21, 2018 - 12:52 AM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र): शुक्रवार बाद दोपहर जालंधर रोड पर गोकल नगर में उस समय तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब अदालत के निर्देशों पर एक दुकान खाली करवाने पहुंचे अदालती कर्मियों को किराएदारों के विरोध का सामना करना पड़ा। तनाव बढ़ता देख किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। 

सूचना मिलते ही थाना मॉडल टाऊन के एस.एच.ओ. गौरव धीर पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंच दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश में जुट गए। अदालत के कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि वे अदालत के निर्देश पर दुकान खाली करवाने आए हैं जिसमें दुकानदार सहयोग के बदले विरोध कर रहे हैं।

इसी दौरान मौके पर वार्ड के पार्षद विक्रमजीत सिंह कलसी भी पहुंच गए। पुलिस ने बहुत मुश्किल से अदालत से पहुंचे कर्मियों को सारी स्थिति की रिपोर्ट बनाकर अदालत में पेश करने की बात कहते हुए दोनों पक्षों में तनाव को टाला। इस दौरान अदालत से पहुंचे कर्मियों ने कहा कि वे अदालत के आदेशों पर दुकान खाली करवाने पहुंचे थे, मगर दुकान के किराएदार द्वारा इसमें कोई सहयोग नहीं किया गया, जिसे देखते हुए वे इस संबंधी रिपोर्ट बनाकर माननीय अदालत में पेश करेंगे।

मामला हाईकोर्ट में है विचाराधीन
दूसरी तरफ मौके पर दुकानदार तरसेम लाल का कहना था कि वह मानते हैं कि अदालत में केस वह हार गए हैं लेकिन मैं निचली अदालत के खिलाफ मामले को लेकर हाईकोर्ट में गया हूं। जब उनसे पूछा गया कि क्या आपके पास स्टे है तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था।  

क्या कहते हैं दुकान के मालिक के रिश्तेदार 
मौके पर जानकारी देते हुए दुकान के मालिक कुलदीप सिंह, जोकि विदेश में रहते हैं, की रिश्तेदार सुरिंद्र कौर भोगल ने बताया कि कुलदीप सिंह ने दुकान खाली करवाने हेतु केस की पैरवी करने संबंधी उन्हें पावरऑफ अटार्नी दी हुई है। उन्होंने बताया कि माननीय अदालत में केस उनके हक में हो गया है तथा अदालत ने ताले तोड़कर कब्जा दिलाने के आदेश जारी किए थे। मगर दुकान के किराएदार तरसेम लाल ने अपने अन्य साथियों सहित दुकान पर कब्जा करवाने आए अदालत के कर्मियों को सहयोग नहीं किया और लड़ाई-झगड़े का माहौल बनाने के पूरे प्रयास किए जिसके चलते अदालत के आदेश लागू नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि वे इस संबंधी अदालत में पेश होकर सारी स्थिति से अवगत करवाएंगे ताकि उन्हें न्याय मिल सके। 
 

Des raj