कैप्टन-सिद्धू विवादः हाईकमान नहीं निकाल पाया समस्या का सम्मानजनक हल

punjabkesari.in Thursday, Jun 13, 2019 - 08:26 AM (IST)

पठानकोट (शारदा): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने लोकसभा चुनाव के मतदान वाले दिन ही कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर अपने मन की बात स्पष्ट कर दी थी अंतत: 10 दिन के उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के विभागों में बड़ा फेरबदल कर दिया।

सिद्धू के दिल के करीब रहे विभाग स्थानीय निकाय व कल्चर एवं हैरीटेज से हटाकर उन्हें शक्तिविहीन करते हुए ऊर्जा मंत्रालय दे दिया। वहीं अरुणा चौधरी से परिवहन विभाग वापस ले लिया गया तथा शिक्षा विभाग में धड़ल्ले से कार्य कर रहे ओ.पी. सोनी को बदलकर भी बड़ा उलटफेर मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र ने कर दिया। ओ.पी. सोनी ने अंतत: अपने मन की स्थिति स्पष्ट कर दी कि वे ब्यूरोक्रेसी के सामने वह नतमस्तक नहीं होंगे, परन्तु नए विभाग में दिल से कार्य करेंगे। 

गत दिनों समूचे देश में घूमकर सिद्धू ने प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर राजनीतिक हमले किए व उनका खूब उपहास उड़ाया। सिद्धू भी इस मृगतृष्णा का शिकार हो गए कि भाजपा इस बार 200 से कम सीटों पर सिमटने वाली हैं। अंतत: मोदी प्रचंड बहुमत के साथ शान से दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिद्धू के वक्तव्यों व व्यवहार को लेकर इतने क्रोधित हुए कि उन्होंने राज्य की राजनीति से हाशिए पर ला दिया। इन परिस्थितियों में सिद्धू के लिए स्थिति आगे कुआं व पीछे खाई जैसी है। फिलहाल हाईकमान इनकी समस्या का हल नहीं निकाल पाया है। 

मैडीटेशन में डूबे रहे नवजोत सिद्वू
वहीं दूसरी ओर नवजोत सिद्धूू के ऊपर इस बात का दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह पहले अपना (नया) विभाग ’वाइन करें परन्तु, जब से वह चंडीगढ़ वापस लौटे हैं अपना अधिकतर समय वह मैडीटेशन एवं साधना में व्यतीत कर रहे हैं। 15 जून को नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री कै.अमरेन्द्र सिंह जा रहे हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि वह 14 को ही दिल्ली पहुंच जाएं। हाईकमान से होने वाली मुलाकात में वह अपनी पूरी डिफैंस तैयार करके जाएंगे।

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