कैप्टन के कड़े तेवर: सिद्धू एक हफ्ते में संभाले विभाग, वर्ना छिन जाएगा मंत्री पद

punjabkesari.in Tuesday, Jun 25, 2019 - 10:28 AM (IST)

जालंधर(नरेश): पंजाब मंत्रिमंडल मेें बदलाव के बाद अपना विभाग संभालने में आनाकानी कर रहे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आक्रामक तेवर अपना लिए हैं। कैप्टन ने कांग्रेस हाईकमान को यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि अगले एक हफ्ते में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने विभाग की जिम्मेदारी न संभाली तो उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है। 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू के करीबियों के खिलाफ चल रही विजीलैंस की जांच की रिपोर्ट भी पार्टी हाईकमान को भिजवा दी है। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में सिद्धू के करीबियों के खिलाफ ऐसे प्रमाण हैं, जिनको नजरअंदाज करना हाईकमान के लिए मुश्किल है। कैप्टन ने कांग्रेस हाईकमान को तर्क दिया है कि नवजोत सिंह सिद्धू के बिजली विभाग न संभालने से न सिर्फ जनता में पार्टी के प्रति गलत संदेश जा रहा है, बल्कि पंजाब में धान की बिजाई के सीजन में बिजली की बढ़ी हुई मांग पर नजर रखने के लिए भी मंत्री का होना जरूरी है।

इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू राहुल गांधी से मिलने के लिए 3 दिन तक दिल्ली में इंतजार करते रहे लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया और वह खाली हाथ दिल्ली से आ गए। इस मुलाकात से पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान से राज्य में कुछ मंत्रियों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत की थी। सिद्धू की शिकायत के बाद ही उनके करीबियों के खिलाफ विजीलैंस की जांच रिपोर्ट हाईकमान को भेजी गई है। 

कुछ दिन पहले ही शुरू हुई सिद्धू के करीबियों के खिलाफ जांच
नवजोत सिंह सिद्धू के स्थानीय निकाय मंत्री रहते जीरकपुर में शुरू हुए प्रोजैक्टों में सिद्धू के स्टाफ पर मनमानी के आरोप लगे हैं। इन आरोपों के दायरे में सिद्धू की पत्नी और उनके पी.ए. के अलावा सिद्धू के अपने ओ.एस.डी. भी हैं। कुछ दिन पहले ही विजीलैंस ने जीरकपुर में नगर कौंसिल से जुड़े महत्वपूर्ण प्रोजैक्टों के अलाटमैंट में अनियमितता की शिकायत पर जांच करनी शुरू की थी और पिछले हफ्ते ही कौंसिल के दफ्तर में छापेमारी भी हुई थी। इस दौरान कौंसिल के ई.ओ. और सिद्धू के करीबी गिरीश वर्मा के मोबाइल से स्थानीय निकाय विभाग को लेकर कुछ संदिग्ध मैसेज हासिल हुए हैं, जिस मामले में उनसे पूछताछ हुई। यह सारी कार्रवाई विजीलैंस अधिकारी ए.आई.जी. आशीष कपूर की अगुवाई में चली और इस कार्रवाई के दायरे में कौंसिल के कई पार्षद भी आ चुके हैं। 

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