बाबा बिधि चंद के डेरे की जमीन बारे 2 भाइयों का विवाद पहुंचा श्री अकाल तख्त साहिब

punjabkesari.in Thursday, Jun 11, 2020 - 11:37 AM (IST)

अमृतसर(अनजान): संत बाबा दया सिंह जी सुरसिंह वालों की जमीन का विवाद श्री अकाल तख्त साहिब में पहुंच गया है। बाबा दया सिंह जी सुरसिंह वाले सम्प्रदाय बाबा बिधि चंद जी के 11वें जानशीन थे। बाबा दया सिंह जी की धर्म पत्नी माता दया कौर आज अपने छोटे सुपुत्र बाबा गुरबचन सिंह, अपनी बेटी नविन्द्र कौर और दामाद और संस्था के सिंहों के साथ कार्यालय सचिवालय श्री अकाल तख्त साहिब में पहुंचे। 

 माता दया कौर ने पत्रकारों से कहा कि मैं अपने दोनों सपुत्र बाबा अवतार सिंह और बाबा गुरबचन सिंह में चल रहे जमीनी विवाद को खत्म करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब जी के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह को मांग-पत्र दिया है। बाबा दया सिंह की तरफ से अपने दोनों पुत्रों को एक समान जानते हुए 25 जून 2013 को वसीयत कर दी थी, परन्तु उनकी वसीयत मुताबिक आज तक पवित्र स्थानों पर चल अचल जायदाद की बांट नहीं हो सकी। सम्प्रदाय के लगभग 60 स्थान और 600 किले खेतीयोग्य जमीन है। इसके अलावा 6वें पातशाह द्वारा बख्शीश किए पवित्र स्वरूप, चित्र और शस्त्र भी हैं, सैंकड़ों व्हीकल भी हैं, जिनमें से सिर्फ एक स्थान गुरुद्वारा भट्ठ साहिब, पट्टी की सेवा केवल बाबा गुरबचन सिंह जी द्वारा की जा रही है और 150 एकड़ जमीन इस्तेमाल हुई जा रही है और बाकी सभी स्थान पर जमीन पर बाबा अवतार सिंह काबिज हैं, परन्तु पिछले दिनों बाबा अवतार सिंह के पुत्र बाबा प्रेम सिंह की तरफ से अपने दल के सिंहों को साथ लेकर ताकत के साथ जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की गई और बाबा गुरबचन सिंह और उनके साथी सेवकों को बाबा प्रेम सिंह और उनके समर्थकों की तरफ से जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि संत बाबा दया सिंह द्वारा की गई वसीयत तहसील में उनके दोनों पुत्रों के नाम जमीन कर दी थी, जिस पर बाबा अवतार सिंह की तरफ से सहमति दी गई थी, परन्तु आज वह प्रैस में उस वसीयत को झूठा कहकर मुकर रहे हैं, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि मैं और मेरी बेटी नविन्दर कौर चाहते हैं कि बाबा गुरबचन सिंह को वसीयत मुताबिक बनता हक दिलाकर इंसाफ किया जाए।

Vatika