मुख्यमंत्री अमरेन्द्र ने इतिहास सिलेबस का अध्ययन करने हेतु 6 सदस्यीय कमेटी गठित की

punjabkesari.in Monday, May 07, 2018 - 07:40 PM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने इतिहास सिलेबस का अध्ययन करने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी गठित की है जिसके अध्यक्ष प्रमुख इतिहासकार प्रो. किरपाल सिंह को बनाया गया है, जो 2014 में पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान बनाए गए पैनल द्वारा इतिहास सिलेबस को लेकर की गई सिफारिशों का मूल्यांकन करेंगे तथा साथ ही भविष्य में सभी इतिहास की पुस्तकों पर नजर रखेंगे। मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर बरसते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिककरण किया है। 

उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति करने पर रोक लगाने के लिए उन्होंने अब स्थाई कमेटी बना दी है, जो भविष्य में सभी प्रकार के सिलेबस पर नजर रखा करेगी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 2014 में अकाली-भाजपा शासनकाल के दौरान रिव्यू किए गए इतिहास के पाठयक्रम की दोबारा समीक्षा करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री का मानना था कि सुखबीर बादल इस मामले में जिस इतिहास की किताब का उल्लेख कर रहे हैं, ऐसी कोई किताब है ही नहीं। बल्कि वह तो मात्र एक गाइड है, जिसे हैल्प बुक के रूप में विद्यार्थी लेते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सिख गुरुओं से संबंधित किसी भी सिलेबस को इतिहास की पुस्तक से हटाया नहीं गया है तथा सभी गुरुओं का इतिहास किताबों में वॢणत है। 
 

सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई कमेटी में प्रो. किरपाल सिंह के अलावा गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. जे.एस. ग्रेवाल, पूर्व प्रो. वाइस चांसलर प्रो. पृथीपाल सिंह कपूर, पंजाब विश्वविद्यालय के प्रमुख इतिहास के प्रो. इंदु बंगा के अलावा इसमें शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा मनोनीत किए जाने वाले दो इतिहासकारों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी द्वारा 2014 में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा बनाए गए विशेषज्ञ ग्रुप की सिफारिशों का अध्ययन किया जाएगा तथा विशेषज्ञ ग्रुप द्वारा 11वीं तथा 12वीं कक्षा को लेकर की गई सिफारिशों का दोबारा से अध्ययन किया जाएगा। अगर इसमें कोई संशोधन करना होगा तो कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी। कमेटी को 11वीं तथा 12वीं कक्षा की पाठ्य पुस्तकों की पूरी समीक्षा करने के लिए कहा गया है। कमेटी को पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की इतिहास की सभी पाठ्यपुस्तकों की समीक्षा करने के लिए कहा गया है। 
 

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