गृह विभाग ने पूर्व SSP कमलजीत सिंह ढिल्लों के विरुद्ध केस चलाने हेतु CM से मांगी मंजूरी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 10:20 AM (IST)

जालन्धर(धवन): पंजाब के गृह विभाग ने पूर्व एस.एस.पी. कमलजीत सिंह ढिल्लों के विरुद्ध केस चलाने के लिए मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह से मंजूरी मांगी है। सरकारी हलकों से पता चला है कि गृह विभाग ने इस संबंध में फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय को मंजूरी के लिए भेज दी है। कुछ दिन पहले ढिल्लों को मोगा में एस.एस.पी. नियुक्त किया गया था परन्तु कुछ दिनों बाद ही मुख्यमंत्री ने उनका फिर से तबादला कर दिया था, क्योंकि उनके विरुद्ध कथित तौर पर एक पुराने मामले को लेकर आरोप लगे थे।

मुख्यमंत्री नहीं चाहते कि कोई भी विवादास्पद अधिकारी महत्वपूर्ण पदों पर तैनात हो, क्योंकि सरकार ने नशों के विरुद्ध अपनी मुहिम चलाई हुई है व अगर किसी पुलिस अधिकारी पर नशों से संबंधित केसों में संरक्षण देने के आरोप लगते हैं तो वह एक गंभीर मामला है। यह भी पता चला है कि मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के कार्यालय में पिछले सप्ताह गृह विभाग को सूचित किया था कि ढिल्लों के मामले में गहराई से जांच होनी चाहिए। इसके लिए बाकायदा मंजूरी सरकार से ली जानी चाहिए। सरकारी हलकों ने बताया कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा नशों को लेकर जो कठोर स्टैंड लिया गया है, उसके बाद वह अब उन सभी विवादास्पद अधिकारियों के विरुद्ध जांच करवाएंगे, जिनका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नशों से सम्पर्क या संबंध रहा है। 

मुख्यमंत्री ने पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा को निर्देश दिए हैं कि जिन भी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध विभिन्न मामले जांच के लिए विचाराधीन पड़े हुए हैं, उनका तुरन्त निपटारा किया जाना चाहिए। उसके बाद डी.जी.पी. ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों तथा पुलिस कमिश्ररों को पुलिस कर्मियों के विरुद्ध लम्बित पड़े मामलों का निपटारा करने के निर्देश जारी किए।ढिल्लों इस समय ए.आई.जी. (क्राइम) के पद पर तैनात हैं तथा उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को अभी तक नकारा है। यह भी बताया जा रहा है कि ढिल्लों के विरुद्ध विभागीय जांच भटिंडा के पूर्व आई.जी. जोनल एम.एस. छीना ने करवाई थी। यह मामला राज्य के क्राइम ब्रांच को भी भेजा गया था। 

भ्रष्टाचार को लेकर सरकार ने अख्तियार किया सख्त रुख 
बताया जाता है कि सारा मामला 2014 से संबंध रखता है जब अदालत में नशों से संबंधित एक एफ.आई.आर. को रद्द किया गया था। यह मामला सितम्बर 2013 में तीन पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध दर्ज हुआ था, जिसमें जरनैल, जसबीर व दविन्द्र शामिल थे। मोगा जिला में दर्ज इस मामले में तीनों पुलिस अधिकारियों से भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए थे। मार्च 2014 में इन कर्मचारियों को जमानत मिल गई थी। उसके बाद से ही यह मामला काफी विवादास्पद हो गया था। यह भी बताया जाता है कि इस सारे प्रकरण में भ्रष्टाचार का मुद्दा जुड़ा हुआ है तथा इसे लेकर सरकार ने आगे जांच करवानी है। मामला चूंकि पूर्व सरकार के समय का है, इसलिए मौजूदा कैप्टन सरकार इसमें पूरी सतर्कता से कदम आगे बढऩा चाहती है। 

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