पिता ने सर्दी से बचने के लिए जलाए थे कोयले, दम घुटने से चली गई दो मासूमों की जान

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2019 - 12:20 PM (IST)

लुधियाना(महेश): लुधियाना में विभिन्न स्थानों पर सर्दी से बचने के लिए कमरों में जलाई अंगीठियों के कारण हुई मौतों से क्षेत्रवासियों में दहशत का महौल व्याप्त है। ऐसा ही मामला लुधियाना में सामने आया,जहां अंगीठी के चलते 2 मासूमों की मौत हो गई। अस्पताल में उपचाराधीन प्रमोद ने बताया कि उसकी पत्नी निशा की तबीयत थोड़ी ढीली थी। उसने फोन करके अपनी बहन व जीजा को बुलाया। रात को सभी ने एक साथ खाना खाया। सर्दी से बचने के लिए उन्होंने सेंकने के लिए कढ़ाई में कच्चे कोयले जलाए। इसी बीच कब सबकी आंख लग गई कुछ पता ही नहीं चला।

सुबह दस्तक होने पर खुली थी प्रमोद की नींद, पर नहीं उठ सका बिस्तर से 
 सुबह जब दरवाजे पर दस्तक हुई तो उसने बिस्तर से उठने का भरसक प्रयास किया, लेकिन टांगों ने उसका साथ नहीं दिया और गिर पड़ा। पत्नी व अन्य को जगाने की कोशिश की तो वह भी नहीं उठे। बच्चों के मुंह से झाग निकल रही थी। किसी तरह से जमीन से रगड़ते हुए वह दरवाजे तक पहुंचा और कुंडी खोली। इसके बाद जब आंख खुली तो उसने खुद को अस्पताल में पाया। प्रमोद विलाप करता बोल रहा था कि छोटी-सी गलती ने मेरा सब कुछ लूट लिया।

प्रात: 3 बजे के बाद होश नहीं रहा : सुशील
फूफा सुशील ने बताया कि रात को करीब 12 बजे उसके साले प्रमोद ने फोन करके उनको घर बुलाया। जब वह उसके कमरे पहुंचा तो देखा कि निशा की हालत ठीक नहीं थी। वह बेसुध होकर पड़ी थी। उन्होंने पानी के छींटे माकर निशा को जगाया और उसे पानी पिलाया। कमरे में कोयला जल रहा था। 3 बजे तक वह जागता रहा। तब तक उसे पूरी होश थी, लेकिन उसके बाद उसे होश नहीं रहा। सुबह जब उसकी आंख खुली तो उसने खुद को अस्पताल में पाया।

बच्चों की दम घुटने से हुई है मौत :  थाना प्रभारी  
टिब्बा थाना प्रभारी इंस्पैक्टर स्वर्ण सिंह ने बताया कि प्रात: करीब 7.50 बजे घटना की जानकारी मिली। 10 मिनट में पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई। तत्काल एम्बुलैंस मंगवाकर 6 सदस्यों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। जहां डाक्टरों ने 2 बच्चों को मृत घोषित कर दिया, जबकि शेष को इलाज के लिए भर्ती कर लिया। उन्होंने बताया कि गौरव 5वीं व सौरभ चौथी कक्षा का विद्यार्थी था। पुलिस को मौके से लोहे की कढ़ाई में कोयले की राख मिली है। दोनों बच्चों की मौत दम घुटने से हुई है। 

बंद कमरे में न जलाएं अंगीठी, कार्बन-मोनोऑक्साइड चढ़ने से हो सकती है मौत : एस.एम.ओ.
  सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. अविनाश जिंदल ने बताया कि हाथ-पैर कंपाने वाली सर्दी पड़ रही है। लोग ठंड से बचने के लिए हीटर, आग जलाना या घर में अंगीठी जलाते हैं। कई लोग रात को अंगीठी कमरे में ही रख लेते हैं, मगर यह खतरनाक हो सकता है। अंगीठी में जलाए गए कोयलों से कार्बन-मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो मानव शरीर के लिए हानिकारक है। ये गैस शरीर में जाते ही हीमोगलोबीन में मिल जाती है और शरीर में ऑक्सीजन खत्म करने लगती है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के बाद सबसे पहले दिमाग सुन्न हो जाता है, जिससे व्यक्ति का अपने शरीर पर कंट्रोल नहीं रहता व वह बेहोशी की हालत में चला जाता है। इसके बाद कार्बन-मोनोऑक्साइड शरीर में ऑक्सीजन बिल्कुल खत्म कर देती है, जिसके बाद उस शख्स की मौत हो जाती है। 


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