गन कल्चर को पंजाबी गीतों में प्रमोट करना पड़ा महंगा, नहीं मिली शो करने की परमिशन!

punjabkesari.in Thursday, Feb 27, 2020 - 08:52 AM (IST)

जालंधर(मृदुल): गन कल्चर को अपने गानों व वीडियो में प्रमोट करने के कारण विवादों में घिरे पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के फैंस के लिए एक बुरी खबर है। बताया जा रहा है कि 29 फरवरी को जालंधर के गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में होने वाले उनके इवैंट (शो) को कमिश्नरेट पुलिस द्वारा परमिशन नहीं दी गई, जिसका कारण उनके खिलाफ माननीय हाईकोर्ट में लोगों द्वारा दायर की गई याचिका है। अब इसको लेकर शहर के लोगों व फैंस में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि उनका शो जालंधर में हो पाएगा या नहीं। लोगों के मुताबिक मूसेवाला अपने गीतों में गन कल्चर को प्रमोट करते हैं जिसका युवा पीढ़ी पर गलत प्रभाव पड़ता है। 

पुलिस कमिश्नर दफ्तर में तैनात एक टॉप रैंक के अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि गायक सिद्धू मूसेवाला के खिलाफ हाईकोर्ट में केस चल रहा है, जिसको लेकर उन्हें और उनकी टीम को जालंधर में शो करने संबंधी परमिशन को फिलहाल खारिज कर दिया गया है। उनके शो के स्पॉन्सर डी.जी.पी. ऑफिस से परमिशन लेने की कोशिश कर रहे हैं। शो को केवल 2 दिन बचे हैं लेकिन अभी तक मूसेवाला का जालंधर में होने वाला शो सक्सैसफुल होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। 

बता दें कि पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला और मनकीरत औलख के खिलाफ गांव मूसा में भड़काऊ गीत गाकर नौजवानों को भड़काने की कोशिश करने के आरोप लगे थे, जिसको लेकर मानसा पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया था। अभी 2 दिन पहले ही पुलिस ने गायक मूसेवाला और औलख के खिलाफ लुकआऊट नोटिस जारी किया है जिसके कारण वे दोनों अब विदेशी दौरा नहीं कर सकेंगे।

एन.आर.आई. को धमकाने के मामले में भी घिरे हैं मूसेवाला 
सोशल मीडिया पर चल रही खबर के अनुसार सिद्धू मूसेवाला ने एक एन.आर.आई. युवती को भी फोन कर धमकाया था। उन पर थाना एन.आर.आई. में भी एक केस दर्ज है जिसे एन.आर.आई. कमलजीत कौर ने दर्ज कराया था।उक्त युवती को इंगलैंड के एक नंबर से धमकी भरे फोन आ रहे हैं, जिसको लेकर जब साइबर सैल की टीम ने जांच की तो वह नंबर सिद्धू मूसेवाला का निकला।

राजनीतिक सिफारिश लगाने में जुटे शो स्पॉन्सर 
सूत्रों की मानें तो मूसेवाला शो के स्पॉन्सर जोकि गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में होने वाले शो संबंधी सारा पैसा खर्च कर रहे हैं, वे अब पुलिस द्वारा परमिशन न मिलने के कारण राजनीतिक सिफारिश लगा रहे हैं ताकि उनके द्वारा लगाया गया पैसा बर्बाद न हो जाए। 

Edited By

Sunita sarangal