आरोपियों को निर्दोष साबित करने वाले DSP जलालाबाद का कामरेडों ने फूंका पुतला

punjabkesari.in Friday, Nov 20, 2020 - 08:12 PM (IST)

जलालाबाद (सेतिया, सूमित): भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रांतीय कार्यकारिणी के मैंबर और जिला फाजिल्का के सचिव कामरेड हंसराज गोल्डन पर बीते दिनों जानलेवा हमला किया गया था। भले ही पुलिस द्वारा दोषियों खिलाफ कामरेड गोल्डन के बयानों पर मामला दर्ज कर लिया गया था, परंतु दोषियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। एक तरफ जिला पुलिस प्रमुख दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए अपनी बात कह रहा है। दूसरी तरफ जलालाबाद के डीएसपी पलविन्दर सिंह नामजद दोषियों को निर्दोष साबित करके रिपोर्ट भेज चुका है। जिसके विरोध में आज भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कामरेडों द्वारा डीएसपी जलालाबाद का पुतला फूंका गया। 



कामरेड सुरिन्दर ढंडिया जिला उप सचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और परमजीत ढाबा प्रांतीय प्रधान सर्व भारत नौजवान सभा पंजाब ने दोष लगाते कहा कि डीएसपी जलालाबाद के पास सैंकड़ों ऐसे मामले जो लम्बे समय से लम्बित पड़े हैं और उनकी अभी तक जांच नहीं की गई। जबकि कामरेड गोल्डन पर हमला करने वाले दोषियों को बचाने की खातिर यह निजी तौर पर दख्ल देकर उनको निर्दोष साबित कर रहा है। सीपीआई के नेताओं ने कहा कि कामरेड गोल्डन के मामले में जिला पुलिस प्रमुख की तरफ से सिट बनाई गई है और वह इस सभी मामले को देख रही है। हैरानी की बात करते कामरेड नेताओं ने बताया कि इस डीएसपी की तरफ से जिन दोषियों को बेगुनाह साबित किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस की तरफ से एक पकड़े दोषी ने इकबाल किया है कि डीएसपी जलालाबाद की तरफ से बेगुनाह किए दोषी मेरे साथ शामिल थे। 

उन्होंने आगे बताया कि डीएसपी जलालाबाद की सीधा सकौडा के साथ फोन के वटाससएप नंबर पर बातचीत हो रही है। नेताओं ने पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस के डी जी पी से माँग करते कहा कि जलालाबाद के डीएसपी की निष्पक्ष जांच करवा कर इस की काल डिटेलों की निष्पक्ष जांच करते इस खिलाफ विभागीय कार्यवाही करते दोषियों को पनाह देने का अपराधिक मामला दर्ज किया जाए। इस संबंधी जब डीएसपी पलविन्दर सिंह और निष्पक्ष जांच न करने के लगे दोषों बारे फोन पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा उक्त मुकदमो में प्राथमिक जांच दौरान जो तथ्य सामने आए और उनमें जो लोग निर्दोष पाए गए हैं उनकी रिपोर्ट बना कर उच्चाधिकारियों को सौंप दी है और भविष्य में उच्चाधिकारियों ने फैसला करना है क्योंकि उनका काम जांच करके रिपोर्ट बना कर भेजना था इसलिए उन्होंने कर दिया।

Mohit