जनसंघ के आंदोलन से कांग्रेस व इंदिरा गांधी के अत्याचारों की हार हुई: तरुण चुघ

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 09:37 AM (IST)

अमृतसर: भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तरुण चुघ ने वीडियो कॉन्फ्रैंस के माध्यम से ज्ञान फाऊंडेशन की तरफ  से आयोजित ‘आपातकाल विरोधी’ सैमीनार में देशभर के सैंकड़ों बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की नेत्री पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 45 वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को पूरे देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र, न्यायपालिका व अन्य संवैधानिक संस्थाओं, मीडिया व आम नागरिकों समेत सभी विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को जेलों में बंद करके भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया था।

चुघ ने कहा कि लोकतंत्र के सबसे मजबूत स्तंभ समाचार पत्रों का यह हाल था कि देश की सभी न्यूज एजैंसियों को भंग कर इंदिरा गांधी का गुणगान करने वाली एजैंसी बना दी गई। देश के प्रमुख 3801 अखबार जब्त कर लिए गए। देश के बड़े 327 पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। चुघ ने कहा कि कांग्रेस व इंदिरा गांधी की तानाशाही इतनी चरम पर थी कि राइटर जैसी कोई अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजैंसी के भारत स्थित कार्यालयों के टैलीफोन, टैलीपिं्रटर एवं बिजली काट दी गई थी। यहां तक कि फिल्मी हीरो देवानंद की फिल्म्स व किशोर कुमार के गाने प्रतिबंधित कर दिए थे। फिर भी लोकतंत्र के रक्षकों ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेतृत्व में निरंतर आंदोलन किया जिसका परिणाम निकला कि तानाशाही कांग्रेस व उसकी नेता इंदिरा गांधी की हार हुई थी।

Vatika