हलका दाखा में चिट्टे के मुद्दे पर एक-दूसरे पर हमलावर हुईं कांग्रेस व शिअद

punjabkesari.in Sunday, Oct 13, 2019 - 08:24 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): पंजाब की 4 विधानसभा सीटों पर हो रहे उप चुनाव के दौरान जहां उम्मीदवारों द्वारा केन्द्र व पंजाब सरकार की कार्यप्रणाली का आकलन करने के अलावा गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर अकाली दल के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है वहीं हलका दाखा में हालात बिल्कुल अलग हैं जहां चिट्टे के मुद्दे पर दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर हमलावर हो गई हैं। 

यहां बताना उचित होगा कि हलका दाखा में नशे की समस्या को लेकर अकाली दल के खिलाफ 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही प्रचार शुरू हो गया था जिसके बाद 2017 के विधानसभा व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वही माहौल देखने को मिला। इसका खमियाजा अकाली दल को लगातार 3 चुनाव के दौरान हार के रूप में भुगतना पड़ा। हालांकि कांग्रेस को इसका फायदा नहीं हुआ जबकि आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप अपना आधार मजबूत करने में कामयाब हो गया। अब एच.एस. फूलका की ओर से इस्तीफा देने की वजह से हो रहे उप चुनाव के दौरान भले ही आम आदमी पार्टी व बैंस ग्रुप ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं लेकिन कांग्रेस व अकाली दल के बीच सीधा मुकाबला नजर आ रहा है। इसके मद्देनजर दोनों ही पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है जिसके तहत मौजूदा व पूर्व विधायकों द्वारा पक्के तौर पर डेरा लगाने के अलावा दिग्गज नेता भी अपने उम्मीदवारों के हक में प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। 

इस दौरान अकाली दल द्वारा पहले करवाए गए विकास के आधार पर वोट देने की अपील की जा रही है जबकि कांग्रेस द्वारा अकाली दल पर हलका दाखा में नशे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है। इस बीच पिछले दिनों यहां पहुंचे पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि अकाली दल को नशे व बेअदबी के लिए सजा जरूर मिलेगी। इसके जवाब में अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कहा कि नशा तस्करों द्वारा कांग्रेस के विधायकों व मंत्रियों को महीना दिया जाता है इसलिए पुलिस उन पर कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है। इसी राह पर चलते हुए केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत बादल ने शनिवार को हलका दाखा में पहुंच कर कैप्टन अमरेंद्र सिंह को गुटका साहिब पकड़कर खाई गई 4 हफ्ते में नशा खत्म करने की सौगंध याद दिलाई।

Edited By

Sunita sarangal