गुरदासपुर में कांग्रेसी उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मारी बाजी
punjabkesari.in Tuesday, Jun 04, 2024 - 08:23 PM (IST)
गुरदासपुर (हरमन, विनोद, हरमन): पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर 1 जून को हुए चुनाव के नतीजे आज घोषित हो गए हैं। इसकी गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो गई थी। इसके मुताबिक, गुरदासपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भारी वोटों से जीत हासिल की है। सुखजिंदर सिंह रंधावा 82861 मतों से जीते
सुखजिंदर सिंह रंधावा (कांग्रेस)-364043
दिनेश सिंह बब्बू (भाजपा)-281182
अमनशेर सिंह शेरी कलसी (आप)-277252
डॉ. दलजीत सिंह चीमा (अकाली दल)-85500
गुरिंदर सिंह बाजवा (अ)-25765
आपको बता दें कि शुरुआती रुझान में गुरदासपुर से दिनेश बब्बू 4010, सुखजिंदर सिंह रंधावा 3480, अमनशेर सिंह शेरी कलसी 1236 और डॉ. दलजीत चीमा 81 और राज कुमार जनोत्रा 61 पर थे जिसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा लगातार बढ़त बनाए रहे और बीजेपी उम्मीदवार दिनेश बब्बू को हरा दिया।
18वी लोकसभाा चुनाव दौरान गुरदासपुर लोकसभा हल्के से संसद मेंबर चुने गए सुखजिन्दर सिंह रंधावा राजनैतिक और सामाजिक कार्यों के पक्ष से किसी पहचान के मुहताज नहीं हैं, वह पंजाब कांग्रेस के दो बार प्रधान रहे प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ स्व. संतोख सिंह रंधावा के सुपुत्र हैं। संतोख सिंह रंधावा विधायक और मंत्री के रुप में सेवा करने वाले ऐसे कांग्रेसी नेता थे जिन की पहुंच सीधी मरहूम इंद्रा गांधी और कांग्रेस के दिगज नेताओं तक रही है। सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने 1959 में संतोख सिंह रंधावा के घर जन्म लिया। परिवार से ही राजनीति की गुडती मिलने के बाद सुखजिन्दर रंधावा अपने पिता के साथ लगातार सक्रिय रहे और 2002 में वह पहली बार बतौर विधायक पंजाब विधान सभा की सीढ़ीयां चढ़े।
उस समय कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार में उन को मुख्य सांसदीय सचिव कृषि का अहम ओहदा मिला। रंधावा 2012 और 2017 में फिर हल्का डेरा बाबा नानक से विधायक चुने गए। सुखजिन्दर सिंह कैप्टन अमरिन्दर सिंह की कांग्रेस सरकार के समय सहकारिता और जेल विभाग के कैबिनेट मंत्री रहे और मुख्य मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की सरकार मौके वह 20 सितम्बर 2021 से 16 मार्च 2022 तक उप मुख्य मंत्री भी रहे। वह 2022 की विधान सभा चुनाव में जब कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के उम्मीदवारों को बड़ी हारों का सामना करना पड़ा। तो उस समय भी रंधावा हल्का डेरा बाबा नानक में चुनाव जीत गए और विधायक चुने गए और इस मौके भी डेरा बाबा नानक के विधायक हैं।
कांग्रेस हाईकमान ने उन को राजस्थान में कांग्रेसी मामलों का इंचार्ज भी नियुक्त किया। रंधावा विभिन्न समय दौरान अपने राजनैतिक विरोधी अकाली दल के खिलाफ तीखी और तल्ख टिप्पणीयां करते रहे थे और पंजाब में नशाखोरी को मुकम्मल रुप से खत्म करने और बेअदबी के आरोपियों को सलाखों के पीछे बंद करने के लिए फ्रंट लाइन पर लड़ाई में भी अग्रिम रहे। कई मुद्दों को लेकर जब कांग्रेस सरकार और ततकालीन मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ कई नेताओं के मत भेद हुए तो उस मौके भी सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने स्पष्ट स्टैंड लिया। अब भी पार्टी ने उन पर आश्वासन जता कर चुनाव मैदान में उतारा था और वोटरों ने सुखजिन्दर सिंह रंधावा के पक्ष में फतवा दिया है।
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