बठिंडा व फिरोजपुर में कांग्रेसी उम्मीदवारों का ऐलान अकाली दल की तस्वीर साफ होने के बाद होगा

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2019 - 11:49 AM (IST)

जालंधर(धवन): पंजाब की महत्वपूर्ण माने जाने वाली लोकसभा सीटों बठिंडा तथा फिरोजपुर में कांग्रेसी उम्मीदवारों का ऐलान शिरोमणि अकाली दल की तस्वीर साफ होने के बाद किया जाएगा। कांग्रेसी हलकों ने बताया कि चाहे स्क्रीनिंग कमेटी ने कल भी इन दोनों सीटों पर मजबूत व संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया था, परन्तु यह कार्य बीच में ही छोड़ देना पड़ा।

शिरोमणि अकाली दल ने अभी तक इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ नहीं की है। अभी तक यही चर्चा सुनने में आ रही है कि केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत बादल बठिंडा लोकसभा सीट तथा अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल फिरोजपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। अभी तक औपचारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई  है।  

अगले सप्ताह लिया जाएगा शेष सीटों पर फैसला
अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह व प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ की बैठक अगले सप्ताह किसी भी दिन हो सकती है। तब तक संभवत: अकाली दल के उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ चुके होंगे।  इसी तरह से संगरूर तथा आनंदपुर साहिब सीटों पर भी सहमति अभी बननी शेष है। इन दोनों सीटों पर इस समय फ्रंट रनर के रूप में क्रमश: पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लों तथा पूर्व सांसद मुनीष तिवारी के नाम चल रहे हैं। अब अंतिम फैसला तो राहुल गांधी के साथ होने वाली बैठक में ही लिया जाएगा। 

इन नेताओं के नाम की चल रही है चर्चा
यद्यपि पंजाब यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह लाली भी आनंदपुर साहिब  से टिकट की मांग कर रहे हैं। अभी तक बठिंडा संसदीय सीट पर कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, पूर्व विधायक डा. नवजोत कौर सिद्धू तथा कांग्रेसी विधायक राजा वडिंग के नाम चल रहे हैं, जबकि फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी, पूर्व सांसद शेर सिंह घुबाया, पंजाब यूथ कांग्रेस के पूर्व विधायक रमिन्द्र आंवला तथा विधायक राजा वडिंग के नाम विचाराधीन हैं। इन सीटों पर भी अंतिम फैसला राहुल गांधी के साथ होने वाली बैठक में ही होगा।

कांग्रेस ने पहली बार जल्दी उम्मीदवार घोषित किए
पंजाब में अगर कांग्रेस उम्मीदवारों का पिछले चुनावों से तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो यह पहली बार है कि कांग्रेस ने मतदान से काफी समय पहले अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। हमेशा यही कहा जाता था कि अकाली दल अपने उम्मीदवार पहले घोषित कर देता है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार चुनावी नोटीफिकेशन जारी होने के बाद ऐलाने जाते हैं। यह मामला मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने राहुल गांधी के सामने उठाया था, जिसके बाद पंजाब में विभिन्न चरणों में समय से पूर्व उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। 

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