SC/ST एक्टः दलितों को लुभाने के लिए कांग्रेस ने बनाया रोड मैप

punjabkesari.in Friday, Apr 06, 2018 - 08:34 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा) : एस.सी./ एस.टी. एक्ट में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के उपरांत मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में हुए प्रदर्शनों से दिख रहे राजनीतिक नुक्सान से घबराई मोदी सरकार अब जहां डैमेज कंट्रोल में जुट गई है, वहीं कांग्रेस ने दलितों का विश्वास जीतने व इस मुद्दे को कैश करने व दलित वोट बैंक को अपने साथ जोडऩे के लिए रोड मैप तैयार किया है। इसी कड़ी में कांग्रेस राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर दलित सम्मेलनोंं को आयोजित करने जा रही है। सबसे पहले गत दिनों दिल्ली में हुए कांग्रेस अधिवेशन की भांति कांग्रेस 23 अप्रैल को दलित महासम्मेलन करने जा रही है।

इस सम्मेलन में ऑल इंडिया कांग्रेस के प्रधान राहुल गांधी समूचे देश से 15000 के करीब दलित प्रतिनिधियों को संवाद का मौका देंगे। उपरांत ऐसे ही सम्मेलन राज्य स्तर पर भी होंगे। कांग्रेस इन सम्मेलनों के जरिए दलित नेताओं को अवगत करवाया जाएगा कि मोदी सरकार और महाराष्ट्र की सरकार ने एस.सी/एस.टी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जिस प्रकार बेरूखी दिखाई है वह इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि मोदी सरकार और भाजपा दलितों को उनके अधिकार व सम्मान नहीं देना चाहती। कांग्रेस सम्मेलनों के बहाने दलित समुदाय को याद करवाना चाहती है कि जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एस.सी./एस.टी. एक्ट कमजोर किया है उसमें भाजपा की महाराष्ट्र सरकार पक्षधर थी। 

कांग्रेस ऐसे प्रयासों में जुट गई है कि  कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे चुनावी राज्यों में एस.सी./एस.टी. एक्ट के मुद्दे का लाभ उठाने में कोई कसर शेष न छोड़ी जाए। इस कारण कांग्रेस इसके लिए अन्य दलित ताकतों से भी हाथ मिलाने को तैयार है। यही वजह है कि कांग्रेस द्वारा आज जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ किए प्रदर्शन से पूर्व अन्य दलों व दलित संगठनों से समर्थन करने की अपील की थी।

केंद्र व महाराष्ट्र सरकार के मामले को हल्के से लेने पर कई केंद्रीय मंत्रियों में नाराजगी पनपी 
एस.सी/एस.टी एक्ट से संबंधित केस को लेकर केंद्र व महाराष्ट्र सरकार के हलके से लेने से कई केंद्रीय मंत्रियों में नाराजगी पनपी हुई है। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री सहित कई मंत्री समूचे प्रकरण को सही ढंग से हैंडल न किए जाने से खासे नाखुश हैं। उनका मानना है कि सरकार ने एस.सी/एस.टी एक्ट संबंधित मामले की संवेदनशीलता का सही ढंग से अनुमान नहीं लगा पाई। जिस प्रकार भारत बंद के दौरान देश के कई राज्यों में दलित समुदाय का आक्रोश सामने आया है उससे भाजपा व गठबंधन पार्टियों को नुक्सान होगा हालांकि केंद्रीय मंत्री इस संदर्भ में अपनी नाराजगी पर सार्वजनिक तौर पर कुछ भी बोलने से गुरेज कर रहे हैं। 

एस.सी./एस.टी. एक्ट पर की गलत बयानबाजी पर कानून मंत्री मांगें माफी : रणदीप सुर्जेवाला
एस.सी./एस.टी एक्ट मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर केंद्र सरकार के पार्टी न होने संबंधी कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बयान को आधारहीन बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला ने कहा कि रविशंकर प्रसाद को चाहिए कि वह गलत बयानी पर देश की जनता से माफी मांगें।  सुर्जेवाला ने कहा कि कानून मंत्री ऐसी भ्रामक बयानबाजी करके जनता खासतौर पर दलित समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में माननीय अदालत को शपथ पत्र भी दिया है और न्यायालय ने अपने आदेशों में सुस्पष्ट कहा है कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार की तरफ से दस्तावेज जमा करवाने के लिए समय मांगा है जिससे सिद्ध होता है कि सरकार इस मामले में पार्टी है। 

भाजपा को दलितों की चिंता है तो संसद में नया कानून लाकर एक्ट को पुन: बनाए ताकतवर : डा.चब्बेवाल
पंजाब कांग्रेस एस.सी. डिपार्टमैंट के चेयरमैन व विधायक राजकुमार चब्बेवाल का कहना है कि अगर भाजपा को सही मायनों में दलितों की ङ्क्षचता है तो वो एस.सी/एस.टी. एक्ट को पुन: ताकतवर बनाने को संसद में नया कानून लेकर आए। 
विधायक चब्बेवाल ने कहा कि कमजोर कानून की वजह से दलितों व आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ेंगे जिसके लिए मोदी सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस दलितों को जागरूक करेगी कि आखिर मोदी सरकार, भाजपा व आर.एस.एस. का दलितों को लेकर असल एजैंडा क्या है? 

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