कांग्रेस ने पंचायती राज व लोकतंत्र की हत्या से दिया नए साल का तोहफा: मजीठिया

punjabkesari.in Tuesday, Jan 01, 2019 - 09:06 PM (IST)

अमृतसर(ममता): पूर्व मंत्री और अकाली दल के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस ने पंचायती चुनाव में पंचायती राज संस्थाओं और लोकतंत्र की हत्या करते हुए पंजाब के लोगों को नए साल का तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि चल रहे मतदान दौरान हाईकोर्ट को दखल अन्दाजी करनी पड़ी और लोकतंत्र को बचाने के लिए संविधान के आर्टीकल 226 का प्रयोग करनी पड़ा। 

प्रैस कांफ्रेंस को संबोधन करते मजीठिया ने कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी पर निशाना साधते कहा कि राहुल की ओर से देश भर की पंचायती संस्थाओं को मजबूत करने की दुहाई देनी हाथी के दांत की तरह झूठा दिखावा है जो कि पंजाब में कांग्रेस सरकार की ओर से मतदान दौरान की गई धक्केशाहियों से साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां निष्पक्ष मतदान हुआ वहां नतीजे अकाली दल के पक्ष में आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में 28000 मतलब 33 प्रतिशत सरपंची उम्मीदवारों के नामांकन धक्के से रद्द किए गए हैं। 13 हजार में से चार हजार गांवों के बगैर मतदान कराए जबरन सरपंच बना लिए गए। उन्होंने कहा कि पंचायतों की धक्के के साथ सर्वसम्मति नहीं बल्कि जब्रसम्मति करवाई गई।

मजीठीया ने कहा कि अगर सरकार ने ऐसा ही करना था तो सरकारी खजाना बर्बाद करने की जरूरत क्या थी। कांग्रेस भवन से ही नामांकन कर दिए जाते। उन्होंने बताया कि अकाली दल की ओर से उक्त धक्केशाहियों के विरुद्ध जरूरत अनुसार हाईकोर्ट में जाया जाएगा। उन्होंने बताया कि फिरोजपुर जिले में 835 में से 644, गुरदासपुर में से 1280 में से 719 और जिला तरनतारन में 560 में से 356 गांवों की पंचायतें जब्रसम्मति से कांग्रेस ने हथिया ली।
 
उन्होंने हैरानी प्रकट करते कहा कि जहां भी कागज रद्द हुए हैं वहां चूल्हा टैक्स का बहाना बनाया गया या फिर आरोप लगाया गया कि उम्मीदवार ने पंचायती जमीन या शामलाट जमीन पर कब्जा किया हुआ है या जबकि बहुत से मामलों मेंगांवों में शामलाट जमीन ही नहीं थी। उन्होंने मतदान में जाली वोटों का आरोप लगाते कहा कि कई गांवों की मतदाता सूचियां रातों-रात बदल दी गई। मजीठा हलके के गांव मान की बात करते उन्होंने कहा कि पोलिंग के एक घंटा पहले जिस वोटिंग सूची से वोटें डाली जा रही थी उसे एक घंटे बाद बदल कर दूसरी सूची लाई गई। 

आरक्षण के घोटालों की बात करते उन्होंने बताय कि मजीठा के गांव रक्ख बाग में कांग्रेस समर्थक को सरपंच बनाने के लिए गांव को आरक्षण सूची में डाल दिया गया जब कि उस गांव में एक ही परिवार दलित वर्ग के साथ सम्बन्धित था। उन्होंने बताया कि राजासांसी के गांव लदेह जहां पोलिंग होनी थी। वहां वोटिंग से दूर रखने के लिए विरोधियों पर नाजायज पर्चे दर्ज कर दिए गए। कांग्रेसी धक्केशाहियों की बात करते मजीठिया ने बताया कि अटारी हलके गांव रामपुरा के विजेता अकालियों पर हमले किए गए। इस अवसर पर उनके साथ वीर सिंह लोपोके, विरसा सिंह वल्टोहा, हरमीत सिंहसंधू,भगवंत सिंह स्यालका और राणा लोपोके मौजूद थे।

Vaneet