कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन और सिद्धू को किया तलब
punjabkesari.in Thursday, Jun 17, 2021 - 10:12 AM (IST)
चंडीगढ़ (अश्वनी): पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने अब मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली तलब किया है। 20 जून को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कैप्टन व सिद्धू सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में मल्लिकार्जुन कमेटी की सिफारिशों व सुझावों पर वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन किया जाएगा। साथ ही कैप्टन और सिद्धू के बीच चल रहे शीतयुद्ध को समाप्त करने की कोशिश की जाएगी। इससे पहले राहुल गांधी ने भी मल्लिकार्जुन कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की थी।
कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई यह बैठक राहुल गांधी की बैठक का अगला चरण है। राहुल गांधी ने कमेटी के सदस्यों से बातचीत कर कांग्रेस अध्यक्ष को पूरे मामले से अवगत करवा दिया है और अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस पर फैसला सुनाना है। इसी के चलते सोनिया गांधी ने पंजाब की वरिष्ठ लीडरशिप को दिल्ली बुलाया है ताकि फैसले से पहले अंतिम दौर की बातचीत कर सर्वसम्मति का रास्ता तैयार किया जा सके। खासतौर पर यह बैठक पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और कै. अमरेंद्र सिंह के बीच चली आ रही तल्खी को दूर करने पर केंद्रित रहेगी। कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी एक साथ तमाम वरिष्ठ नेताओं को बैठाकर बात कर सकती हैं ताकि आमने-सामने बैठकर सभी गिले-शिकवे दूर हों और आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति को अमलीजामा पहनाया जा सके।
गुटबाजी से बिगड़ रहा 2022 का सियासी गणित
गुटबाजी के कारण 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर पंजाब कांग्रेस का सियासी गणित लगातार बिगड़ता जा रहा है। उस पर शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन ने कांग्रेस के समक्ष नई चुनौती खड़ी कर दी है। इन्हीं बदले समीकरणों के चलते कांग्रेस हाईकमान सीधे फैसला सुनाकर ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है, जो 2022 की फतेह में बाधा बने। खासतौर पर पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर सबकी नजर है। कांग्रेस हाईकमान को भी इस बात का इल्म है कि सिद्धू पंजाब की सियासत में बेहद अहम किरदार हैं, जिनका अच्छा जनाधार है। ऐसे में सिद्धू की नाराजगी 2022 की जीत में अड़ंगा डाल सकती है। यही वजह है कि हाईकमान ऐसा फैसला चाहती है, जिसमें सबकी सर्वसम्मति हो और इसीलिए पार्टी की वरिष्ठ लीडरशिप को दिल्ली बुलाया गया है। इससे पहले कहा जा रहा था कि मल्लिकार्जुन कमेटी की रिपोर्ट के बाद हाईकमान सीधे फैसला सुनाएगी।