पंजाब के बाद दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं ने भी केजरीवाल का किया कड़ा विरोध

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 08:17 AM (IST)

जालन्धर (धवन): पंजाब के बाद दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को संयुक्त विपक्षी फ्रंट में शामिल किए जाने का पंजाब के कांग्रेसी नेताओं द्वारा विरोध करने के बाद अब दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी केजरीवाल पर हल्ला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि यह बात स्पष्ट है कि केजरीवाल की पार्टी दिल्ली में हमारी दुश्मन है।
केजरीवाल की पार्टी ने कांग्रेस के विरुद्ध दिल्ली में 2 चुनाव लड़े तथा सौभाग्य से केजरीवाल जीतने में कामयाब रहे। 4 मुख्यमंत्रियों द्वारा केजरीवाल को समर्थन दिए जाने पर शीला दीक्षित ने कहा कि यह अभी देखने वाली बात होगी कि इन मुख्यमंत्रियों ने केवल इस मुद्दे पर केजरीवाल का समर्थन किया है या फिर भविष्य में भी उनका समर्थन केजरीवाल को जारी रहता है? अभी यह भी देखना बाकी है कि आम आदमी पार्टी संयुक्त विपक्षी मोर्चे में शामिल होती है या नहीं। केजरीवाल को इस संबंध में भी अपना स्पष्टीकरण देना है। कांग्रेस का स्टैंड तो पूरी तरह से स्पष्ट है। आम आदमी पार्टी अब राष्ट्रीय स्तर पर महत्वहीन खिलाड़ी बन कर रह गई है। उसका राष्ट्रीय अस्तित्व शेष नहीं बचा है। 4 मुख्यमंत्रियों ने केवल दिल्ली में कार्यालय की प्रतिष्ठा को लेकर केजरीवाल का समर्थन किया।

इन चारों मुख्यमंत्रियों ने उस समय केजरीवाल का समर्थन नहीं किया था जब केजरीवाल ने अपनी सरकार के मुख्य सचिव को थप्पड़ मारा था। शीला दीक्षित ने पूछा कि केजरीवाल इतने महीनों तक राष्ट्रीय राजनीति से गायब रहे।आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी नहीं है। उसका न तो राजस्थान, न मध्य प्रदेश और न ही किसी अन्य रा’य में कोई अस्तित्व है। वह पार्टी केवल दिल्ली तक सिमट कर रह गई है। दिल्ली में भी आम जनता का ‘आप’ से मोह भंग हो चुका है।  शीला दीक्षित के विचार दिल्ली कांग्रेस कमेटी के प्रधान अजय माकन से मिलते-जुलते हैं जिन्होंने पिछले दिनों कहा था कि अगर कांग्रेस को दिल्ली में अपने आपको मजबूती देनी है तो उसे केजरीवाल को अपना विरोधी मानना होगा। उन्होंने कहा कि  देश में लोकसभा की 550 सीटें हैं, जिसमें दिल्ली में केवल 7 आती हैं। क्या दिल्ली की 7 सीटें तय करेंगी कि केंद्र में किसने अगली सरकार बनानी है। कांग्रेस के साथ जो पार्टियां जुड़ रही हैं, वे अपने-अपने राज्यों में मजबूत हैं। कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है तथा वह लीडिंग भूमिका में रहेगी। केजरीवाल मोदी के लिए चुनौती नहीं बन सकते हैं। दोनों नेताओं की आपस में तुलना करना व्यर्थ है।  शीला दीक्षित जिसे 2017 में उत्तर प्रदेश चुनावों में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया था, ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हम कमजोर थे। कांग्रेस नेतृत्व उत्तर प्रदेश को लेकर गंभीर ङ्क्षचतन कर रहा है। वहां भी कांग्रेस अहम भूमिका अदा करेगी। 

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