संगठन को मजबूत करने हेतु क्षेत्रीय नेताओं की मजबूती की तरफ ध्यान देगी कांग्रेस

punjabkesari.in Sunday, Jun 09, 2019 - 10:20 AM (IST)

जालंधर(धवन): लोकसभा चुनाव में पराजय झेलने के बाद अब कांग्रेस द्वारा अपने संगठन को मजबूती देने के लिए क्षेत्रीय नेताओं की मजबूती की तरफ ध्यान दिया जाएगा। कांग्रेसी हलकों ने बताया कि भाजपा ने एक तरफ जहां हर प्रदेश में अपने नेताओं को काम करने की छूट दी, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस में कई प्रदेशों में आपसी गुटबाजी के कारण संगठन में कमजोरी आई, क्योंकि गुटबाजी के चलते नेता अपने संगठन को मजबूत करने की तरफ ध्यान नहीं दे पाए। दूसरी तरफ भाजपा ने प्रदेशों में मात्र एक-एक नेता को आगे किया , जिससे प्रदेश नेतृत्व को लेकर कार्यकत्र्ताओं के अंदर संशय की स्थिति नहीं रहती। 

कांग्रेसी सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस द्वारा जहां लोकसभा चुनाव में हार को लेकर मंथन किया जा रहा है, वहीं पर दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने यह फैसला लगभग ले लिया है कि क्षेत्रीय स्तर पर कांग्रेसी नेताओं को मजबूती दी जाए तथा पार्टी के अंदर गुटबाजी को सबसे पहले खत्म किया जाए। कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से कार्यकत्र्ताओं के अंदर यही संदेश जाए कि उसका हाथ केवल एक-एक नेता पर है। 

अतीत में जब कांग्रेस मजबूत हुआ करती थी उस समय क्षेत्रीय नेता काफी मजबूत हुआ करते थे। धीरे-धीरे क्षेत्रीय नेताओं की मजबूती के स्थान पर गुटबाजी हावी होती चली गई। इससे पार्टी में कमजोरी आई। अब लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में पराजय झेलने के बाद कांग्रेस नेतृत्व अब आगे और कोई जोखिम नहीं लेना चाहता, इसीलिए क्षेत्रीय नेताओं की मजबूती की तरफ ध्यान दिया जाएगा। क्षेत्रीय नेताओं को मजबूती देने से कांग्रेस जहां एक तरफ भाजपा का मुकाबला करने में सक्षम होगी, वहीं दूसरी ओर वह क्षेत्रीय पाॢटयों का मुकाबला भी प्रभावी ढंग से कर सकेगी। कांग्रेस को कई राज्यों में क्षेत्रीय पाॢटयों से जूझना पड़ रहा है तो कुछ राज्यों में उसका सीधा मुकाबला भाजपा के साथ है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह शुरू से ही क्षेत्रीय नेताओं की मजबूती की वकालत करते रहे हैं। 

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