दिल्ली विधानसभा चुनावःकैप्टन के साथ प्रचार करेंगे सिद्धू

punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 11:41 AM (IST)

नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 को लेकर नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के लिए कमर कस ली है। इसके लिए पार्टी ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू का नाम भी शामिल है। आपको बता दें कि कैप्टन के साथ काफी समय से चले शीतयुद्ध के बाद नवजोत सिद्धू पंजाब की राजनीति से आलोप हो गए हैं। वह मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई बैठक या कार्यक्रम में नजर नहीं आ रहे है। फिहहाल अब देखना होगा कि क्या सिद्धू पार्टी की जीत के लिए कैप्टन अमरेंद्र सिंह के चुनाव प्रचार मैदान में उतरते है कि नहीं। सिद्धू और कैप्टन में मनमुटाव के यह हैं कारण-

सिद्धू का राहुल गांधी को कैप्टन मानना
सिद्धू द्वारा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की जगह राहुल गांधी को अपना कैप्टन बताने के बयान ने इन दोनों के बीच कड़वाहट पैदा कर दी। दरअसल, चुनाव प्रचार के लिए तेलंगाना दौरे पर गए नवजोत सिद्धू ने कैप्टन की नाराजगी पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बड़े बेबाक अंदाज के साथ कहा था कि 'कौन कैप्टन... मेरा कैप्टन तो राहुल गांधी हैं। हालांकि सिद्धू ने कैप्टन को  अपने पिता सामान कहा परन्तु उनका यह बयान कैप्टन को बहुत चुभा, जिसके बाद कैप्टन के मंत्रियों ने सिद्धू  के इस बयान की निंदा करते हुए अमरेंद्र सिंह को ही अपना और पंजाब का कैप्टन बताया।

फ्रेंडली मैच वाले बयान ने भी छेड़ा नया विवाद
 मेरा कैप्टन का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि लोकसभा मतदान दौरान सिद्धू ने नया पंगा ले लिया था। उनके बठिंडा रैली दौरान फ्रेंडली मैच ने नया विवाद खड़ा कर दिया। हालांकि सिद्धू ने किसी का नाम नहीं लिया परन्तु न चाहते हुए या फिर जान-बूझकर कैप्टन सिर बादलों के साथ मिले होने का आरोप लगा दिया गया। इस पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कैप्टन ने कहा थे कि सिद्धू पंजाब के मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इस कारण  वह इस तरह की बातें करके पार्टी और उनका अक्स खराब कर रहे हैं।

कैप्टन ने सिद्धू के सिर फोड़ा हार का ठीकरा
यह मामला यही नहीं रुका और कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पंजाब के शहरी क्षेत्रों में हार का ठीकरा सिद्धू के सिर पर मढ़ दिया। इसने सिद्धू और कैप्टन बीच दूरियों को और बढ़ा दिया। इसके इलावा नवजोत सिंह सिद्धू इस बार ट्विटर  पर भी खूब सक्रिय रहे । उन्होंने ट्विटर पर खूब शेरो-शायरी करते हुए विरोधियों पर तंज कसे।

 

कैप्टन की तरफ से सिद्धू का विभाग बदलना 
सिद्धू और कैप्टन का विवाद यही नहीं रुका। उनसे खफा कैप्टन ने उनका विभाग ही बदल दिया। कैप्टन की यह कार्रवाई सिद्धू को नागवारा गुजरी उन्होंने नया मंत्रालय लेने से इंकार कर दिया।

सिद्धू की तरफ से मंत्री पद से इस्तीफा देना
मंत्रालय बदलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू  राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी मिले थे। लोकसभा मतदान में मिली करारी हार से दुखी राहुल ने भी उन क कोई बात नहीं सुनी। फिर सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी जानकारी सिद्धू ने टविट्टर के जरिए दी थी, जिसमें सिद्धू ने लिखा था कि उन्होंने 10 जून को पंजाब मंत्रिमंडल में से इस्तीफा दे दिया है।

 

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