54 साल बाद बठिंडा नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा

punjabkesari.in Friday, Apr 16, 2021 - 11:34 AM (IST)

बठिंडा (विजय): करीब 2 माह के इंतजार के बाद बठिंडा नगर निगम को मेयर मिल गया जिसके तहत 54 सालों के बाद नगर निगम पर कांग्रेस का कब्जा हुआ। मेयर के चुनाव में सभी को चौंकाते व सीनियर नेताओं के दावों को दरकिनार करते हुए वार्ड नंबर 35 से पार्षद कांग्रेस कमेटी के उपप्रधान संदीप गोयल की पत्नी रमन गोयल को मेयर पद पर नवाजा गया है। रमन गोयल पहली बार पार्षद बनी हैं। मेयर के दावेदार माने जा रहे अशोक प्रधान को सीनियर डिप्टी मेयर व अकाली दल से कांग्रेस में आए व पूर्व एफ.एन.सी.सी. मैंबर मास्टर हरमंदर सिंह को डिप्टी मेयर बनाया गया है। पहली बार महानगर में कोई महिला मेयर की कुर्सी पर विराजमान हुई है।

मिनी सचिवालय के डी.सी. मीटिंग हाल में 11.30 बजे तकनीकी शिक्षा मंत्री की प्रधानगी में हुई बैठक के दौरान उनकी ओर से लाए गए लिफाफे से बठिंडा के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के नाम निकाले गए। मौके पर वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल हाजिर रहे। उन्होंने कहा कि एक लंबे अर्से के बाद नगर निगम बठिंडा में कांग्रेस का मेयर बना है व लोगों ने भारी बहुमत से नगर निगम की जिम्मेदारी कांग्रेस को सौंपी है। इस स्थिति में उनका दायित्व बनता है कि वे लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरें व शहर के चहुंमुखी विकास के लिए दिन-रात एक कर काम करें। 

पार्षद जगरूप सिंह गिल ने मेयर की चुनाव प्रक्रिया पर नाराजगी जताई
बठिंडा महानगर का मेयर बनाते समय वरिष्ठ नेताओं की हुई अनदेखी पर मेयर पद के प्रमुख दावेदार माने जाते रहे सीनियर अकाली नेता व पार्षद जगरूप सिंह गिल ने मेयर की चुनाव प्रक्रिया पर नाराजगी जताई।

गिल ने कहा कि अकाली दल में आम तौर पर यह कहा जाता था कि मेयर या अन्य उच्च पदों पर आसीन होने वाले लोगों के नाम का लिफाफा पार्टी प्रमुख प्रकाश सिंह बादल की जेब से निकलता है। उसी तर्ज पर अब कांग्रेस में भी बठिंडा के मेयर के नाम का लिफाफा वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल की जेब से निकला है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है जिससे सीनियर नेताओं में रोष है। 

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Tania pathak